नोएडा. नोएडा प्राधिकरण ने ग्रुप हाउसिंग के 50 से अधिक बिल्डरों से आठ हजार करोड़ से अधिक बकाया रकम की वसूली तैयारी तेज कर दी है. इन बिल्डरों को चेतावनी दी गई है कि वे अमिताभकांत समिति की सिफारिशों का लाभ लेने के लिए शीघ्र अपना बकाया प्राधिकरण में जमा कराएं, अन्यथा उनके खिलाफ वसूली की अग्रिम कार्रवाई की जाएगी.

नोएडा प्राधिकरण के बकाये का मामला पिछले चार साल से अधिक समय से अटका हुआ है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का आदेश प्राधिकरण के पक्ष में आने के बाद भी बिल्डरों ने बकाया जमा नहीं किया. शासन के हस्तक्षेप के बाद इस मामले में अमिताभ कांत समिति का गठन किया गया था.

इस समिति की सिफारिशों को कुछ शर्तों के साथ शासन ने लागू कर दिया था. इसके बाद भी सिर्फ पांच बिल्डर ही बकाया जमा करने के लिए आगे. जबकि, 57 बिल्डर प्रोजेक्ट ऐसे हैं, जिनका मामला किसी न्यायालय में भी विचाराधीन नहीं है, लेकिन वे बकाया जमा करने के लिए आवेदन नहीं कर रहे हैं. यह बकाया जमा न होने से 50 हजार से अधिक लोगों की नोएडा प्राधिकरण में रजिस्ट्री अटकी हुई हैं. अब प्राधिकरण बकायेदार बिल्डरों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रहा है.

शून्य काल का लाभ दिए बिना किया बकाये का आकलन सुपरटेक

नोएडा प्राधिकरण द्वारा सुपरनोवा प्रोजेक्ट पर निकाले गए 2160 करोड़ के बकाये को सुपरटेक ग्रुप ने गलत बताते हुए इस पर आपत्ति जाहिर की है. ग्रुप की ओर से प्राधिकरण को भेजे पत्र में कहा गया है कि प्राधिकरण द्वारा शून्य अवधि का लाभ दिए बिना ही बकाये का आकलन किया गया. एनजीटी द्वारा 14 अगस्त 2013 से 19 अगस्त 2015 की समयावधि में निर्माण पर प्रतिबंध लगाया गया था, उस समय का और इसके अलावा कोरोना काल का शून्य अवधि का प्रोजेक्ट को लाभ मिलना है. इस अवधि की ब्याज की राशि बकाये में से घटेगी. इसके बाद बकाये की यह राशि कम हो जाएगी. सुपरटेक द्वारा प्राधिकरण से इस शून्य काल के लाभ के बाद निकलने वाले बकाये के संबंध में जानकारी मांगी गई है. ग्रुप के प्रवक्ता का कहना है कि वे बकाये के भुगतान के लिए तैयार हैं. प्राधिकरण का बकाया शीघ्र दिया जाएगा.