पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद. जिले वासियों को अब उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी. राजिम विधायक रोहित साहू ने विधानसभा के बजट सत्र में जिले की स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर प्रश्न उठाया था. उन्होंने सदन में बताया था कि 13 वर्ष के हो चुके गरियाबंद जिला अस्पताल में जिला अस्पताल के अनुरूप आज भी सुविधाएं नहीं है. जिसके कारण जिले के लोगों को राजधानी के अस्पतालों पर निर्भर रहना पड़ता है. यहां तक कि ओडिशा सीमा पर बसे देवभोग मैनपुर के मरीज भी ओडिशा पर निर्भर हैं. कई बार समय पर इलाज नहीं मिल पाने के कारण कई लोगों की मौत हो जाती है.
स्वास्थ्य मंत्री ने सदन में की घोषणा
इसके बाद सदन में जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने गरियाबंद जिला अस्पताल को आदर्श जिला अस्पताल बनाने घोषणा कर दी. विधायक रोहित साहू ने बताया कि इस योजना के तहत एम्स जैसी उच्चस्तरीय सुविधाएं स्थानीय नागरिकों को जल्द ही मिलनी शुरू हो जाएंगी. हम यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर हैं कि लोगों को मदद और उचित इलाज मिल सके. इस कदम के माध्यम से जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाएगी और लोगों को आदर्श स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिलेगा. इससे न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा, बल्कि जनता का सामाजिक और आर्थिक विकास भी होगा.
राज्य के सात जिलों का होना है चयन
नई सरकार आदर्श जिला के लिए राज्य के 7 जिलों का चयन करने जा रही है. जिसमें गरियाबंद जिला अस्पताल का नाम पहले क्रम पर है. विधायक ने सरकारी प्रतिनिधियों को जिले की स्वास्थ्य सुविधाओं की गंभीरता को समझने और समाधान के लिए कदम उठाने के लिए प्रेरित किया है. उन्होंने इस पहल के लिए स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का आभार व्यक्त किया है.
जिला अस्पताल क्यों बना हुआ है रेफरल सेंटर
जिला अस्पताल में 100 से ज्यादा बिस्तर के बजाए महज 70 बेड रखने की जगह है. सोनोलॉजिस्ट के अभाव में सोनोग्राफी मशीन भी बंद पड़ी हुई है. रेडियोलॉजिस्ट, एम डी फिजिशियन जैसे महत्वपूर्ण पद यहां कभी नहीं भरे जा सके. आईसीयू, ट्रामा सेंटर जैसे जीवन रक्षक वार्ड की सुविधा आज तक नहीं दी गई. एक ओटी है जिसमें गायनिक ,आर्थो, सर्जरी, सब कुछ एक जगह पर ऑपरेट होता है. इन अभाव के चलते हर महीने 150 से 200 आईपीडी के केस राजधानी के लिए रेफर किए जा रहे हैं. रोजाना 300 से 350 ओपीडी दर्ज हो पाते हैं. नई सरकार की नई व्यवस्था के बाद अब जिले वासियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिलने की उम्मीद जाग गई है.
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा है भवन
सिविल सर्जन देवेंद्र नाग ने बताया कि जिला अस्पताल वर्तमान में भवन और सुविधाओं के दृष्टिकोण से सेटअप में नहीं है. ये सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के भवन में संचालित है. आदर्श अस्पताल अब सरकार के बजट में आ गया है तो आने वाले दिनों में मरीजों को सम्पूर्ण सुविधा मिलेगी. अब तक लिखित पत्र नहीं है पर विभिन्न माध्यमों से जानकारी मिली है.
एम्स की तर्ज पर सुसज्जित होगा अस्पताल
वहीं विधायक का कहना है कि स्वास्थ्य, शिक्षा की समस्या को सरकार तक ले जाना मेरी प्राथमिकता में रहेगा. सरकार का आभारी हूं कि मेरी मांग पर आदर्श अस्पताल स्थापित करने की घोषणा हुई है. इसका काम तीन चरणों में होगा. भवन से लेकर जिला अस्पताल के लिए जरूरी सारे उपक्रम, इन्फ्रास्ट्रक्चर रहेंगे. केंद्रीय बजट के सहयोग से यह अस्पताल एम्स की तर्ज पर सुसज्जित रहेगा.
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