नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय लगता है कि चुनाव से पहले किसी को भी दम नहीं लेने देगी. ईडी ने गुरुग्राम स्थित साई आइना फार्म प्राइवेट लिमिटेड (वर्तमान में माहिरा इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड) के खिलाफ दूसरी बार कार्रवाई करते हुए 36.52 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति जब्त की है. इसे भी पढ़ें : ब्रह्मलीन हुए आचार्यश्री विद्यासागर महराज : रात 2.35 पर हुई समाधि, देशभर से पहुंच रहे श्रावक, आज निकलेगी पालकी

माहिरा इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड ने गुरुग्राम के सेक्टर-68 में किफायती आवास परियोजना के नाम पर 1500 खरीदारों से 363 करोड़ की रकम लिए थे. लेकिन बिल्डर अब तक खरीदारों को फ्लैट नहीं दे पाया है. परेशान खरीदार बीते दो सालों से फ्लैट के लिए धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. 

बिल्डर पर आरोप है कि उसने खरीदारों से रुपए जुटाकर उसका निजी इस्तेमाल किया. ईडी की जांच में सामने आया है कि बिल्डर ने फर्जी दस्तावेज के जरिए निर्माण का खर्चाकर अपने पक्ष में भुगतान कराया और रुपयों का इस्तेमाल किया. माहिरा बिल्डर का केवल सेक्टर 68 में ही नहीं बल्कि गुरुग्राम में अलग-अलग पांच प्रोजेक्ट हैं, जिनका निर्माण कार्य बंद पड़ा हुआ है. इसमें करीब पांच हजार लोगों का पैसा फंसा हुआ है, जबकि खरीदार 80 फीसदी से अधिक पैसा दे चुके हैं. 

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ईडी ने बयान में कहा कि गुरुग्राम पुलिस के दर्ज मुकदमे के आधार पर साई आइना फार्म प्राइवेट लिमिटेड (वर्तमान में माहिरा इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड) की 36.52 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति जब्त की है. ईडी ने इससे पहले बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई करते हुए जुलाई 2023 में कई लग्जरी कार, लाखों रुपए के जेवरात और फर्जी दस्तावेजों को जब्त किया था.  

प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जारी बयान में बताया गया कि इस बिल्डर कंपनी की 8.94 करोड़ रुपए की चल संपत्ति और 27.57 करोड़ रुपए की नौ अचल संपत्ति को जब्त किया गया है. इस मामले में ईडी ने 15 फरवरी को कंपनी के खिलाफ धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत कुर्की आदेश जारी किए थे. 

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चल रहीं पांच परियोजनाएं

बिल्डर के गुरुग्राम जिले के सेक्टर-104, सेक्टर-68, सेक्टर-95 सेक्टर-65 और सेक्टर-103 में अलग-अलग प्रोजेक्ट चल रहे हैं. सभी प्रोजेक्ट करीब दो साल पहले तक पूरे किए जाने थे. हालांकि, सेक्टर-68 की परियोजना पूरी होने के सबसे करीब है. ईडी की जांच में यह भी सामने आया है कि बिल्डर ने लोगों के पैसे पर ब्याज लेने के लिए अन्य समूहों को भेज दिया.