चंडीगढ़ मेयर चुनाव मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार (19 फरवरी) को सुनवाई हुई. इस दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने अनिल मसीह को फटकार लगाई. इसके साथ ही सीजेआई ने कहा कि इस मामले की कल ही सुनवाई होगी. हमें बताया गया है कि वहां दलबदल की घटनाएं हो रही हैं. चुनाव भी जल्द होना जरूरी है.

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह से पूछा कि आप कैमरे की तरफ क्यों देख रहे थे? इस पर मसीह ने कहा कि वहां बहुत शोर हो रहा था. पार्षद कैमरा-कैमरा चिल्ला रहे थे. तभी मैंने उधर देखा कि क्या बात है.

अनिल मसीह को सुप्रीम कोर्ट की फटकार
सीजेआई ने अनिल मसीह से सवाल किया कि आप बैलट पेपर खराब क्यों कर रहे थे? इस पर सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि मैं साइन कर रहा था. इस पर सीजेआई ने फिर कहा कि लेकिन आप मार्क भी लगाते दिख रहे थे. जिस पर मसीह ने कहा कि जिन पेपर में पहले से खराबी की गई थी. उन पर मैंने निशानी बनाई.

इस जवाब पर डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आपको ऐसा करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं था. आप पर मुकदमा चलना चाहिए. सीजेआई ने कहा कि हम डिप्टी कमिश्नर को निर्देश देंगे कि वह एक निष्पक्ष निर्वाचन अधिकारी नियुक्त करे. नए सिरे से चुनाव हो. निगरानी के लिए एक न्यायिक अधिकारी की भी नियुक्ति हो.

सीजेआई ने मंगाए सारे रिकॉर्ड


सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि मेरा सुझाव है कि हाई कोर्ट निर्वाचन अधिकारी की नियुक्ति करे. मतपत्र और रिकॉर्ड भी देखे जाएं. इस पर सीजेआई ने कहा कि हम हाई कोर्ट रजिस्ट्रार से कहेंगे कि एक अधिकारी को सारे रिकॉर्ड के साथ हमारे पास भेजें. हम उसका मुआयना कर आगे आदेश देंगे. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार (20 फरवरी) को सुनवाई होगी.

सीजेआई ने सुनवाई के दौरान कहा कि रिकॉर्ड के सुरक्षित यहां पहुंचने के लिए उचित इंतजाम किए जाएं. अधिकारी हमारे सामने मतगणना का पूरा वीडियो भी रखें. निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह हमारे सामने आए. उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने 8 मतपत्र पर निशान लगाए. उनका कहना था कि जो मतपत्र खराब थे. उन पर निशान लगाए.

दलबदल को लेकर जताई चिंता


डीवाई चंद्रचूड़ ने इस दौरान अनिल मसीह को मंगलवार को होने वाली सुनवाई के दौरान भी मौजूद रहने को कहा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमें बताया गया है कि वहां दलबदल की घटनाएं हो रही हैं. चुनाव भी जल्द होना जरूरी है.

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले 18 फरवरी की देर रात चंडीगढ़ के नवनियुक्त मेयर मनोज सोनकर ने इस्तीफा दे दिया था. इसके साथ ही आम आदमी पार्टी के तीन पार्षदों ने बीजेपी का दामन थाम लिया था.