चंडीगढ़. लोकतंत्र की इससे बड़ी खूबसूरती क्या हो सकती है कि एक मामूली सफाई कर्मचारी, उसी शहर का प्रथम नागरिक यानी मेयर बन गया. शहर के नए मेयर कुलदीप कुमार ने वर्ष 2018 में बतौर सफाई कर्मचारी चंडीगढ़ नगर निगम में काम किया. अब वह नगर निगम के ही भवन में मेयर की कुर्सी संभालेंगे. मंगलवार मेयर कुलदीप कुमार के लिए दोहरी खुशी का दिन रहा.
सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार कुलदीप कुमार टीटा को शहर का नया मेयर घोषित कर दिया है. डड्डूमाजरा के पार्षद कुलदीप उसी निगम में मेयर बने हैं, जहां कभी वह कांट्रैक्ट पर सफाई कर्मचारी थे. चंडीगढ़ नगर निगम में पहली बार आप का मेयर बना है. 35 सदस्यीय निगम सदन में मेयर चुनाव में कुलदीप को 20 वोट मिले थे, जबकि भाजपा प्रत्याशी मनोज सोनकर को सांसद के एक वोट सहित 16 वोट मिले थे, लेकिन पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने कुलदीप को मिले 20 में आठ वोट रद कर भाजपा के सोनकर को जीता हुआ घोषित कर दिया था. इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया था.
वाल्मीकि समुदाय से संबंध रखते हैं कुलदीपः 12वीं पास कुलदीप कुमार वाल्मीकि समुदाय से संबंध रखते हैं, इसलिए आप ने लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए उन्हें उम्मीदवार बनाया था. डड्डूमाजरा से दूसरी बार कोई मेयर बना है. इससे पहले भाजपा ने राजेश कालिया मेयर बनाया था. कुलदीप ने भाजपा से राजनीति की शुरुआत की थी. वह भाजपा के एससी मोर्चा के जिला अध्यक्ष रह चुके हैं. पूर्व मेयर राजेश कालिया के साथ पारिवारिक संबंध रह चुके हैं.
कुलदीप को दोस्त बुलाते हैं टीटा
कुलदीप कुमार ने पंजाब बोर्ड से 2005 में 12वीं की परीक्षा पास की थी. चुनावी शपथपत्र में भी इसका जिक्र है. 40 साल के कुलदीप सिंह को उनके दोस्त टीटा कहकर भी बुलाते हैं. वह राजनीति में आने वाले अपने परिवार से पहले शख्स हैं. कुलदीप सिंह के पिता का नाम रायत पाल है. चुनावी शपथपत्र के अनुसार, कुलदीप सालाना 4.80 लाख रुपये कमाते हैं.
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