मनोज उपाधाय, मुरैना। मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में ट्रैक्टर एजेंसी संचालक ने फर्जी तरीके से दूसरी महिला को आरटीओ में खड़ी कर ट्रैक्टर को किसी और के नाम कर दिया। इधर, पीड़िता न्याय के लिए एसपी ऑफिस के चक्कर काट रही है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हाे रही है। मामला पोरसा थाना क्षेत्र का है।
बताया जा रहा है कि 2019 में पीड़िता लता भदोरिया ने एक ट्रैक्टर एजेंसी से ट्रैक्टर खरीदा था। जिसका फाइनेंस उसने टीवीएस कंपनी से कराया था। कोरोना काल के दौरान उन्होंने ट्रैक्टर को किराए पर रूपसिंह को दे दिया था। इधर, वे धीरे-धीरे कर बकाया राशि को किस्तों के माध्यम से जमा कराया और ट्रैक्टर को फ्री कर लिया था। जब पीड़िता एजेंसी पर ट्रैक्टर की एनओसी लेने गई तो एजेंसी संचालक ने ट्रैक्टर देने से इनकार कर दिया। इसके बाद उसने आरटीओ से दस्तावेज निकाले, जिसमें किसी अन्य महिला का नाम दर्ज था।
वह इसकी शिकायत लेकर थाने पहुंची, जिस पर थाना प्रभारी ओपी रावत कहा कि आप कहीं भी शिकायत कर लो, मैं मामला दर्ज नहीं करूंगा। जब थाना प्रभारी ने फरियाद नहीं सुनी तो पीड़ित महिला थाने से लेकर एसपी ऑफिस के 6 महीने से चक्कर काट रही है, लेकिन पीड़िता की सुनने वाला कोई नहीं है। अगर इसी तरह अपराधियों को पुलिस का संरक्षण मिलता रहा तो गरीब और निर्दोष लोगों का क्या होगा।
देशभक्ति जन सेवा के नाम पर ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मी अगर फरियादी की फरियाद नहीं सुनेंगे तो अपराधियों के हौसले बुलंद होंगे और कई निर्दोष लोगों के साथ भी 420 बी कर उन्हें हानि पहुंचाई जाएगी। यह कहना उचित होगा कि अपराधियों को पुलिस का संरक्षण मिल रहा है। वहीं पीड़िता का कहना है अगर फरियाद नहीं सुनी तो मैं न्यायालय की शरण लूंगी और पुलिस और आरोपी के खिलाफ न्यायालय से न्याय मांगूंगी।
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