बालकृष्ण अग्रवाल, गौरेला. डीएवी मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल प्रबंधन की लापरवाही एक बार फिर देखने को मिली. पहले स्कूल प्रबंधक ने आरटीई के तहत गरीब बच्चों से आवेदन पत्र मंगा लिए और बाद में प्रवेश तिथि निकल जाने की बात कहते हुए बच्चों को स्कूल में प्रवेश नहीं दिया. जानकारी के अनुसार स्कूल प्रंबधन ने प्रवेश प्रक्रिया समय निकल जाने के बाद ही शुरू की थी. हालांकि अब स्थानीय प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि किसी भी बच्चे का भविष्य खराब होने नहीं दिया जाएगा.

सांकेतिक फोटो

दरअसल मामला डीएवी मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल गौरेला का है. स्कूल प्रबंधन ने समाचार पत्रों के माध्यम से गरीब वर्ग के बच्चों से आवेदन मगाया था. प्रबंधन ने शिक्षा के अधिकार के तहत केजी 1 से कक्षा आठवीं तक के बच्चों के पालकों को फार्म नोडल अधिकारी के पास जमा करने कहा गया, जिसके बाद पालकों ने संबंधित स्कूल के नोडल अधिकारी के पास पहुंचकर आवेदन पत्र जमा किया. नोडल अधिकारी ने योग्य छात्र-छात्राओं की सूची डीएवी मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल के प्रबंधक के पास भेज दिया. जिसके बाद डीएवी स्कूल ने पालकों को फोनकर बच्चों के मूल दस्तावेजों के साथ स्कूल में उपस्थित होने को कहा गया.

ये पूरी प्रक्रिया सितंबर माह में की गई. इस प्रक्रिया के बाद जब बच्चे और उनके परिजन डीएवी स्कूल में मूल दस्तावेजों के साथ पहुंचे तो उन्हें स्कूल में प्रवेश नहीं दिया गया. और प्रवेश ना देने के पीछे डीएवी स्कूल प्रबंधक ने प्रवेश की तिथि निकल जाने की बात कही.

अब पालकों को बच्चों के भविष्य की चिंता सता रही है. वहीं डीएवी के नोडल अधिकारी नियम का हवाला देते हुए आवेदन और प्रवेश प्रक्रिया किये जाने की बात कही है. स्थानीय अधिकारी मामले की जांच के बाद आगे की कार्यवाही और किसी भी बच्चे का भविष्य खराब नहीं होने का आश्वासन दिया है.