शिखिल ब्यौहार, भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल में दिगंबर जैन पंचायत कमेटी ट्रस्ट एवं सकल दिगंबर जैन समाज द्वारा आयोजित संत शिरोमणि आचार्य श्री 108 पूज्य विद्यासागर जी महाराज की विनयांजलि सभा में शामिल हुए और विनयांजलि अर्पित की। इस दौरान उन्होंने कहा कि आचार्य विद्यासागर जी अद्भुत संत थे। वे केवल जैन धर्म के नहीं, राष्ट्र संत हैं। यह हमारा सौभाग्य है कि हम अपने नेत्रों से उनके दर्शन कर पाए। आचार्य श्री का त्याग और तप अद्भुत था। मेरे पूजाघर में आचार्य श्री की तस्वीर है, मैं जब भी स्मरण करता हूं वो मुझे आशीष देते हैं।
आचार्य श्री के बताए मार्ग पर चलना उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि
विनयांजलि सभा में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि दुनिया का कोई भी पुरस्कार आचार्य श्री की महिमा को बयां नहीं कर सकता है। यह तो हम अपने संतोष के लिए करेंगे कि यह कर दिया। तुम क्या करोगे। उन्होंने तो वो किया जो इस जगत में कोई नहीं कर सकता। आचार्य श्री इस धरती पर चलते फिरते भगवान थे। उन्होंने जो मार्ग बताएं उन पर ही चल पाएं तो वही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
करोड़ों जीवों को मोक्ष का मार्ग दिखा गए
पूर्व सीएम ने कहा कि परम श्रद्धेय, राष्ट्र संत आचार्य विद्यासागर जी महाराज जीवंत तीर्थ स्वरूप थे। उन्होंने भगवान आदिनाथ जी से लेकर भगवान महावीर जी तक के सिद्धांतों को आज के युग में जीकर दिखाया। पूज्य महाराज जी का आशीर्वाद सदैव हम सभी के साथ रहेगा और उनके पुण्य विचार पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे।
छोटे बाबा का मुझे कई बार आशीर्वाद मिला यह मेरा सौभाग्य
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने विनयांजलि देते हुए कहा कि मेरे जीवन में आचार्य श्री का गहरा प्रभाव रहा, उनके जीवन का अधिकतम समय मध्यप्रदेश की भूमि में गुजरा और उनका मुझे भरपूर आशीर्वाद मिला। आचार्य जी के सामने आते ही हृदय प्रेरणा से भर उठता था। उनका आशीर्वाद असीम शांति और अनंत ऊर्जा प्रदान करता था। उनका जीवन त्याग और प्रेम का उदाहरण है आचार्य जी जीते जागते परमात्मा थे।उनका भौतिक शरीर हमारे बीच ना हो लेकिन गुरु के रूप में उनकी दिव्य उपस्थिति सदैव आस पास रहेगी।
आचार्य श्री की प्रेरणा से जो काम शुरू होगा मैं हमेशा साथ खड़ा रहूंगा
उन्होंने जैन समाज को यह आश्वासन भी दिया कि इस कार्यक्रम के बाद पूरा समाज एक बार फिर साथ बैठे। मैं आप सबको भरोसा दिलाता हूं, समाजकल्याण और स्व कल्याण के लिए आचार्य श्री के विचारों, संस्कारों को मूर्त रूप देने के लिए जो भी कार्य शुरू होंगे। मै आप सब के साथ हमेशा खड़ा रहूंगा।
कुंडलपुर के बड़े बाबा की मूर्ति विराजमान कराने का लिया था संकल्प
शिवराज सिंह ने आचार्य श्री से जुड़ा पुराना संस्मरण सुनाते हुए कहा कि कुंडलपुर में जब आचार्य भगवंत विद्यासागर जी महाराज ने बड़े बाबा की मूर्ति स्थापित करने का फैसला किया था। मैं पहली बार मुख्यमंत्री बना था, कोर्ट ने यह फैसला दिया था कि यह नहीं हो सकता है। प्रशासन तैयार था कि रोकने जाएंगे। तब मैंने कहा कुछ भी हो जाए विद्यासागर जी महाराज आए हैं मूर्ति तो स्थापित होगी। मुझसे कहा गया था कि सरकार गिर जाएगी। मैंने कहा था सरकार गिरे तो गिर जाए मुझे परवाह नहीं है लेकिन बड़े बाबा की मूर्ति की स्थापना तो कुंडलपुर में बने दिव्य और भव्य मंदिर में ही होगी।
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