Gyanvapi Case. वाराणसी स्थित ज्ञानवापी के व्यास तहखाने को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला आया है कि यहां पूजा-पाठ जारी रहेगा. बता दें कि नए मंदिर के निर्माण और हिंदुओं को पूजा-पाठ करने का अधिकार देने की मांग को लेकर स्वयंभू विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग की ओर से पंडित सोमनाथ व्यास, डा. रामरंग शर्मा एवं अन्य द्वारा 15 अक्टूबर 1991 को दाखिल मुकदमे की सुनवाई जिला जज की अदालत में स्थानांतरित करने की मांग को लेकर दाखिल प्रार्थना पत्र सोमवार को सुनवाई हुई. 

भावना आहत करने का आरोप लगाते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, एआइएमआइएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर वकील हरिशंकर पांडेय की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र पर अपर जिला जज (नवम) की अदालत सुनवाई हुई. ज्ञानवापी में कब्रों का जिक्र करते हुए उर्स, चादर, गागर समेत अन्य धार्मिक कार्यों की अनुमति देने की मांग को लेकर लोहता के रहने वाले मुख्तार अहमद व अन्य की ओर से दाखिल वाद पर एडीजे सातवां की अदालत में सुनवाई हुई.

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ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा, कि आज इलाहबाद हाई कोर्ट ने अंजुमन इंतजामिया की दोनों याचिकाओं को खारिज कर दी है, इसका मतलब है कि जो पूजा चल रही थी वह वैसे ही चलती रहेगी. अगर वे सुप्रीम कोर्ट जाएंगे तो हम भी सुप्रीम कोर्ट में अपनी बात रखेंगे.”

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