रवि गोयल, सक्ती. जिले में राखड़ माफियाओं का कहर दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है. मोटी कमाई की लालच में ये राखड़ के सौदागर रोजाना सैकड़ों ट्रक राखड़ जिला मुख्यालय के आसपास डाल रहे हैं. भारी मात्रा में राखड़ के डाले जाने से आसपास का वातावरण जहरीला तो हो ही रहा है. साथ ही सैकड़ों एकड़ जमीन बंजर हो चुकी है.

राखड़ माफिया इस कदर बेलगाम हो चुके हैं कि अब वे सरकारी जमीनों को भी नहीं बख्श रहे, मगर हैरत की बात यह है कि सब कुछ देखकर भी जिला प्रशासन मौन है. सक्ती कलेक्टर कार्यालय से कुछ ही दूर में रोजाना प्लांट से निकलने वाले हानिकारक सैकड़ों ट्रक राखड़ डंप किया जा रहा है, मगर अधिकारियों की उदासीनता ने इन राखड़ के सौदागरों के हौसले बढ़ा दिए हैं.

दो पावर प्लांट के सामने नतमस्तक अधिकारी

सक्ती जिले के दो बड़े पावर प्लांट डीबी और आरकेएम से भारी मात्रा में राखड़ जिले में नियम विरुद्ध डिस्पोज किया जा रहा है. इन दो प्लांटों से कई बड़े ट्रांसपोर्टर ठेके पर रोजाना सैकड़ों ट्रक राखड़ क्षेत्र के रिहायसी इलाकों में खपा रहे हैं. राखड़ खपाने के लिए इन्हे प्लांटों से प्रति टन अच्छी खासी रकम मिल रही है, जिसके लिए ये राखड़ के सौदागर जिले में जगह-जगह राखड़ डालकर अपनी जेब गरम कर रहे हैं, मगर जिले के जिम्मेदार अधिकारी इस गंभीर मामले में आखिर क्यों मौन है, यह समझ से परे है.

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