सतीश दुबे, डबरा (ग्वालियर)। मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर से बड़ी खबर सामने आई है। पॉस्को एक्ट सहित नाबालिग के अपहरण का झूठा केस दर्ज करने के मामले में कोर्ट ने पिछोर थाने के तत्कालीन TI, प्रधान आरक्षक, HCM बिरखेराम और पार्षद सहित 8 लोगों के खिलाफ परिवाद दर्ज किया है। इस संबंध में पीड़ित हाकिमसिंह पवैया ने फरियाद लगाई थी।
हाकिमसिंह ने पिछोर थाने में झूठा मुकादमा दर्ज किए जाने को लेकर 2023 में परिवाद पत्र कोर्ट में पेश किया था। जिसमें बताया गया था कि 2019 में उसके और उसके नाबालिग बेटे व उनके छोटे भाई बिजेंद्र सिंह के खिलाफ धारा 363 पॉस्को एक्ट और अपहरण के तहत पिछोर थाने के तत्कालीन थाना प्रभारी पप्पू यादव के मिलीभगत से झूठा केस दर्ज कराया गया है।
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5 लाख में राजीनामा
पीड़ित का कहना था कि साल 2014 में हुए नगर परिषद के चुनाव को लेकर यह कृत्य किया गया। 2014 में उनकी पत्नी राधा भाजपा से पार्षद चुनी गई थी। इसी बात को लेकर अल्ताफ और मकबूल से रंजिश चली आ रही थी। जिसे लेकर साल 2019 में झूठी कहनी रचकर उनके खिलाफ झूठा केस दर्ज करवाया गया। पीड़ित ने बताया कि बाद में 5 लाख रुपए में उन लोगों ने राजीनामा किया और बयान पलट लिया। आरोप है कि तत्कालीन थाना प्रभारी ने भी पैसे लिए हैं।
22 मार्च को किया तलब
इस मामले में वकील माशंकर शिवहरे ने बताया कि हाकिमसिंह ने परविाद पत्र प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने बताया कि उनके खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज किया गया है। सबूतों के आधार पर तत्कालीन थाना प्रभारी पप्पू यादव, प्रधान आरक्षक, HCM रहे बिरखेराम, पार्षद अल्ताफ खान समेत 8 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत न्यायालय न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी दीपू शाक्य ने परिवाद दर्ज कर 22 मार्च को तलब किया है।
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