शशांक द्विवेदी, खजुराहो। कहते हैं किसी वास्तविक वस्तु या किसी जीव के आकार को किसी मुद्रा के माध्यम से प्रदर्शित किया जा सकता है, लेकिन ब्राह्मड में कई ऐसी रचनाएं हैं जिन्हें मुद्रा के माध्यम से व्यक्त करना थोड़ा मुश्किल होता है। इसी बीच खजुराहो की क्लासिकल कत्थक नृत्यांगना अवंतिका दुबे और फ्रांस से आए प्रसिद्ध निर्देशक जील्स पेटिट के निर्देशन में ‘याक राम’ ब्रह्मांडीय नृत्यके रूप में प्रस्तुत किया गया।
पश्चिमी और भारतीय संगीत के राग भैरव, आशावानी मधुवंती और भोपाली के समागन से बना कोस्मिक क्रिएशन जिसे परफॉरमेंस के माध्यम से दर्शकों के बीच खजुराहो की क्लासिकल कत्थक नृत्यांगना अवंतिका दुबे और फ्रांस से आए प्रसिद्ध निर्देशक जील्स पेटिट के निर्देशन में ‘याक राम’ ब्रह्मांडीय नृत्यके रूप में प्रस्तुत किया। जिसमें अमेरिका से आए बैरन वालिस, इंग्लैंड से विलियम टूबी, बेल्जियम से जैकी और निक एवं ताल (बल्गेरिया ) ने ग्रुप परफॉरमेंस मध्यप्रदेश टूरिज्म फैसिलिटेशन सेंटर में किया।
वहीं फ्रांस से आए प्रसिद्ध निर्देशक जील्स पेटिट के द्वारा ‘हनुमान’ गीत को दर्शकों ने खूब पसंद किया। इसे जिल्स ने फ्रांस भाषा में प्रस्तुत किया। हनुमान गाने के पीछे कि भी एक घटना या कहानी है, जब जिल्स पेटिट 1972 में दिल्ली आए थे और दिल्ली में एक गुरूद्वारे के पास पहुंचे तो उन्होंने देखा कि गुरुद्वारे के पास लोग साष्टांग होकर हनुमान का नाम पुकार रहे हैं, तभी से जिल्स को हनुमान शब्द इतना भैया की हनुमान को लेकर एक गीत उन्होंने अपने देश कि भाषा फ्रेंच में गाना शुरू कर दिया। जिसे उन्होंने देश के कई हिस्सों में परफॉर्म भी कर चुके हैं।
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