कुमार इंदर, जबलपुर। रेप पीड़िता छात्रा की पढ़ाई का बिल देने मामले में हाईकोर्ट ने सरकार को जवाब देने के लिए मोहलत दी है इसी के साथ हाईकोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई कर हफ्ता बाद तय की है। पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने फटकार लगाते हुए इसे शर्मनाक बताया था। दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंदसौर जिले में सामूहिक रेप पीड़िता को मुफ्त शिक्षा का आश्वासन दिया था। इसके बावजूद स्कूल प्रबंधन ने फीस के लिए नोटिस जारी कर दिया। यह खबर जब समाचार पत्र में छपी जिस पर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने संज्ञान लेकर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने शपथ पत्र पर जवाब पेश करने कहा जिसके लिए समय मांगा गया। कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि इतने संवेदनशील में भी इस तरह का रवैया शर्मनाक है।

यह है पूरा मामला

दरअसल मंदसौर जिले में जून, 2018 में एक सात साल की स्कूली छात्रा का अपहरण के बाद सामूहिक रेप किया था पीड़ित छात्रा की हत्या की कोशिश भी की गई थी। हालांकि डॉक्टरों ने समय पर इलाज करके उसे बचा लिया। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बच्ची और उसकी बहन की निःशुल्क स्कूली शिक्षा का भरोसा दिलाया था और दोनों का इंदौर के एक प्राइवेट स्कूल में एडमिशन करा दिया था। इसके बाद स्कूल प्रबंधन ने जिला शिक्षा अधिकारी व कलेक्टर इंदौर की ओर से 14 लाख स्कूल फीस बकाया का नोटिस भेज दिया। पत्र में कहा गया कि सरकार ने स्कूल को दिए गए पत्र में यह साफ नहीं किया था कि स्कूल फीस का भुगतान कौन करेगा।

इंदौर बैंच से जबलपुर ट्रांसफर हुआ था केस

शुरु में इस मामले की हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में सुनवाई हुई। जिसके बाद मामला मैन बेंच यानी जबलपुर ट्रांसफर हो गया। पिछली सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की बैंच ने मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग, कलेक्टर व स्कूल प्रबंधन को नोटिस जारी कर शपथ-पत्र पर जवाब पेश करने निर्देश दिए थे। उधर से कोई जवाब न देकर और समय मांगा गया जिस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई थी।

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