एमएसपी की कानूनी गारंटी समेत अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसान छह मार्च को बिना ट्रैक्टर-ट्राली के फिर दिल्ली की ओर बढ़ेंगे. वहीं, 10 मार्च को देशभर में किसान रेल रोकेंगे. किसान संगठनों की रविवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया.
दोनों किसान नेताओं ने कहा कि मौजूदा प्रदर्शन स्थलों पर किसानों का आंदोलन तेज किया जाएगा और तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं कर लेती. दोनों किसान नेता पंजाब-हरियाणा की सीमा पर स्थित खनौरी ‘बॉर्डर’ पर 21 फरवरी को पुलिस के साथ झड़प के दौरान मारे गए किसान शुभकरण के बठिंडा जिले में स्थित उनके पैतृक गांव बलोह में संबोधित कर रहे थे.
पंधेर ने बलोह में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘दूर-दराज के राज्यों के किसान, जो ट्रैक्टर ट्रॉली पर नहीं पहुंच सकते, उन्हें ट्रेन और परिवहन के अन्य साधनों से दिल्ली की ओर रवाना होना चाहिए. इससे यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि क्या सरकार उन किसानों को प्रवेश की अनुमति देती है जो बिना ट्रैक्टर ट्रॉली के जाएंगे.’ उन्होंने कहा, ‘शंभू और खनौरी में आंदोलन पहले की तरह जारी रहेगा और इसे और तेज किया जाएगा. मांगें पूरी होने तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा.’
पंधेर ने कहा कि इस आंदोलन को देशभर में फैलाने के लिए दोनों मंचों ने देश भर के किसानों और मजदूरों से आह्वान किया है कि सरकार पर उनकी मांगों के लिए दबाव बनाने के वास्ते 10 मार्च को दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक देश में ‘रेल रोको’ विरोध प्रदर्शन करें.
पंधेर ने कहा कि पंजाब की सभी पंचायतों को किसानों की मांगों के समर्थन में प्रस्ताव पारित करना चाहिए और हर गांव से एक ट्रैक्टर ट्रॉली विरोध के लिए सीमा पर पहुंचनी चाहिए. वहीं, डल्लेवाल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि दिल्ली चलो आंदोलन जारी रहेगा. हम अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करना जारी रखेंगे.
किसान संगठनों की ये हैं मांगें
किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) सरकार पर अपनी मांगों को स्वीकार करने के लिए दबाव बनाने के लिए ‘दिल्ली चलो’ मार्च का नेतृत्व कर रहा है. इसमें शामिल किसान केंद्र से फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी, कृषि ऋण माफी सहित विभिन्न मांग कर रहे हैं.