कुमार इंदर, जबलपुर। ऑटोनॉमस कॉलेज से संबद्धता शुल्क लेने के मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय से जवाब मांगा है। उच्च न्यायालय ने विश्वविद्यालय से पूछा है कि जब यूजीसी के नियम अनुसार ऑटोनॉमस कॉलेज को सालाना संबद्धता शुल्क लेने का कोई नियम नहीं है उसके बावजूद महाविद्यालय से संबद्धता शुल्क लेने का क्या तुक बनता है। इस मामले की अगली सुनवाई 14 मार्च को होगी।

दरअसल, जबलपुर के माता गुजरी महाविद्यालय की ओर से हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। जिसकी पैरवी करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता पंकज दुबे ने कोर्ट में दलील देते हुए कहा कि माता गुजरी कॉलेज एक ऑटोनॉमस कॉलेज है और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग विनियमन के अनुसार ऑटोनॉमस कॉलेज को हर साल संबद्धता शुल्क देने की आवश्यकता नहीं है।

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अधिवक्ता पंकज दुबे ने बताया कि नियमानुसार साल में एक ही बार संबद्धता शुल्क भुगतान करना बनता है, लेकिन इसके बावजूद रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय द्वारा उनसे बार-बार हर साल संबद्धता शुल्क मांगा जा रहा है। उच्च न्यायालय को वरिष्ठ अधिवक्ता पंकज दुबे ने बताया कि 2023 को हुई संशोधित अधिसूचना के अनुसार शैक्षणिक वर्ष 2023-24 के लिए कॉलेज से अतिरिक्त संबंध का शुल्क की मांग की गई है, जिस पर तत्काल रोक लगाई जाए। हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए इस मामले में विश्वविद्यालय को हर हाल में अगली सुनवाई तक जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं।

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