हर महीने में 2 एकादशी मनाई जाती हैं और साल में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं. इन्हीं एकादशी में से एक है विजया एकादशी. मान्यतानुसार इस एकादशी का व्रत रखने पर अपने शत्रुओं पर विजय मिल जाती है. हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है और कहते हैं कि एकादशी व्रत रखने से जातकों को सभी पापों से मुक्ति मिलती है. फाल्गुन माह की एकादशी को विजया एकादशी के नाम से जाता है. विजया एकादशी का व्रत 6 मार्च को रखा जाएगा. इस दिन भगवान श्रीहरि का पूजन किया जाता है और विजया एकादशी का व्रत रखने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है.

कथा के अनुसार त्रेता युग में जब रावण ने माता सीता का हरण किया तो भगवान श्रीराम ने लंका पर भी विजय प्राप्त करने के लिए मुनि वकदालभ्य द्वारा बतायी गई विधिनुसार भगवान श्री राम सहित पूरी सेना ने एकादशी का उपवास रखा और रामसेतु बनाकर समुद्र को पार कर रावण को परास्‍त किया. Read More – Abhishek Bachchan और Aishwarya Rai का डांस वीडियो आया सामने, ‘गल्लां गूड़ियां’ गाने में एक साथ झूमते आए नजर …

विजया एकादशी की पूजा विधि

विजया एकादशी की पूजा करने के लिए भगवान विष्णु का ध्यान करके भक्त व्रत का संकल्प लेते हैं. अब सूर्यदेव को जल अर्घ्य दिया जाता है. मंदिर की सफाई की जाती है और उसमें एक चौकी पर लाल कपड़ा वस्त्र बिछाया जाता है. इस चौकी पर भगवान विष्णु की प्रतिमा रखी जाती है और श्रीहरि को फूल, धूप, दीप और फल आदि अर्पित किए जाते हैं. इसके बाद विष्णु आरती की जाती है, भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप किया जाता है और भक्त विष्णु चालीसा का पाठ भी करते हैं. इसके बाद पंचामृत में तुलसी का पत्ता डालकर भोग स्वरूप भगवान विष्णु को लगाया जाता है. Read More – ‘मरने के बाद’ जिंदा हुई Poonam Pandey, Video आया सामने …

माना जाता है कि एकादशी की पूजा में तुलसी को सामग्री में सम्मिलित करना शुभ होता है लेकिन इस दिन तुलसी का पत्ता तोड़ने के बजाए एक दिन पहले ही तोड़कर रख लेना चाहिए. अंत में सभी को प्रसाद बांटकर पूजा का समापन किया जाता है. भक्त अपनी मनोकामनाएं भगवान विष्णु से कहते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली का वरदान मानते हैं.