सतीश दुबे, डबरा (ग्वालियर)। ग्वालियर शहर के डबरा अंचल के प्राचीन और विश्व विख्यात धूमेश्वर महादेव मंदिर पर महाशिवरात्रि की तैयारियां जोरों पर है। महाशिवरात्रि की सुबह विशाल मेले का आयोजन किया जाएगा। हजारों की संख्या में कांवड़िए भोलेनाथ का गंगाजल से जल अभिषेक करेंगे। श्रद्धा भाव में डूबे पुरुष और महिला कांवरिया आज गुरुवार से ही हजारों किलोमीटर पैदल चलकर मंदिर परिसर में पहुंचना शुरू हो चुके हैं। महाशिवरात्रि के दिन मंदिर में विराजे भोलेनाथ का विशेष श्रृंगार भी किया जाएगा।

ग्वालियर से करीब 70 किलोमीटर दूर और डबरा–भितरवार के मध्य पवाया गांव के पास बना यह प्राचीन मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है। जहां लाखों की संख्या में शिव भक्त महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ के दर्शन कर पुण्य लाभ प्राप्त करेंगे और कांवड़िए जल चढ़ाएंगे। इस दौरान भीड़ को नियंत्रित करने प्रशासनिक व्यवस्थाएं भी अलर्ट रहेगी।

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मंदिर की प्राचीन विशेषता

बताया जाता है कि मंदिर में विराजमान शिवलिंग पार्वती नदी के गर्भ से निकला था। इस शिवलिंग पर पार्वती का विशाल झरना अभिषेक करता था। सूर्यदेव की पहली किरण शिवलिंग पर पड़ती है। तेज बहाव के कारण करीब 500 फीट की ऊंचाई से पानी गिरने के कारण धूमेश्वर धाम नाम पड़ा था। यह मंदिर इतिहास की कड़ियों और श्रद्धा की माला की तरह जुड़ा हुआ है। हर साल पार्वती नदी में बहाव तेज हाेता है, जो धूमेश्वर धाम की चौखट काे छूकर ही शांत होता है। जबकि नदी के बहाव से मंदिर करीब 200 से 250 मीटर की दूरी पर है।

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मान्यता है कि इस प्रकार से माता पार्वती, महादेव से मिलने आती हैं। जहां दूर-दूर से लोग धूमेश्वर धाम के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। श्रावण माह में इस मंदिर पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा सकती है। महाशिवरात्रि को मंदिर पर विशाल मेला आयोजित किया जाता है।

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