रायपुर- नया रायपुर से लगे थनोद में हरिहर छत्तीसगढ़ अभियान के तहत वृक्षारोपण करने पर सूबे के मुखिया उस वक़्त डॉक्टर के रूप में नजर आए, जब उन्होंने मंच से सीख देते हुए कहा कि- मुर्गे में उतनी ताकत नहीं है, जितनी ताकत मुनगे में है…सीएम ने कहा- मुनगे में नेचुरल फॉलिक एसिड होता है. आंगनवाड़ी में यदि इसे दाल के साथ डालकर खिलाया जाए तो इससे महिलाओं और बेटियों में आयरन की कमी दूर की जा सकती है…मुनगे में आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है.
दरअसल सीएम डॉक्टर रमन सिंह की यह सीख उस वक़्त देखने को मिली वे आम लोगों से वृक्षारोपण किये जाने की अपील कर रहे थे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि- कहा जाता है कि आप भले यज्ञ मत कराइये, पीपल का एक पेड़ लगा लीजिए. पीपल का एक पेड़ कई यज्ञ के बराबर माना जाता है. उन्होंने कहा कि शास्त्रों में कहा गया है कि धर्मों रक्षति रक्षितः यानी धर्म की रक्षा करो तो धर्म हमारी रक्षा करेगा. ठीक वैसा ही ये भी कहा जाता है कि वृक्षों रक्षति रक्षित अर्थात पेड़ों में भगवान का वास होता है. लेकिन आज हम सब तेजी से कार्बन मोनो ऑक्साइड फैला रहे हैं. यदि ये जमता जाएगा तो पूरी पृथ्वी अंधेरे में समा जाएगी. इससे सिर्फ वृक्ष ही बचा सकते हैं.जब तक वृक्ष रहेगा, पृथ्वी पर जीवन रहेगा. वृक्ष जीवन का ईंधन देती है.
मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा कि वृक्षारोपण कार्यक्रम में आने के बाद उन्हें सबसे ज्यादा खुशी स्कूली बच्चों को देखकर हुई. यहां बच्चों ने जो पेड़ लगाया है, एक-एक पेड़ में बच्चों का नाम लिखा है. सीएम ने कहा कि- एक बेटी से मैं पूछ रहा था- आम का फल लगेगा तो इसे खाने आओगी की नहीं? बच्ची ने जवाब देते हुए कहा- आएंगे, लेकिन आम हम चोरी कर के खाएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि- आम खाने का मजा चोरी करके खाने में ही हैं. लेकिन मैंने बच्ची से कहा कि चोरी करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. क्योकि इस जगह का इस्तेमाल हर कोई कर सकेगा.
15 अगस्त तक 8 करोड़ पौधे लगेंगे
मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा कि हरिहर छत्तीसगढ़ अभियान के तहत 15 अगस्त तक 8 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे. इस दौरान मैं जहां भी जाऊंगा, वृक्षारोपण अभियान के कार्यक्रम में शामिल होकर पौधा लगाऊंगा. उन्होंने कहा कि वन विभाग ने बड़ा लक्ष्य लिया है. पूरे प्रदेश में बलरामपुर से लेकर बीजापुर तक चल रहे इस महाभियान में हर किसी की रुचि है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सावन का 11 वां दिन है. इस मौके पर एक- एक वृक्ष लगाकर उसकी रक्षा करने का संकल्प लें.
सार्वजनिक कार्यक्रमों में जाने से बचती है वीणा सिंह- डाॅ.रमन
मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह ने अपने भाषण के दौरान कहा कि आमतौर पर सार्वजनिक कार्यक्रमों में जाने धर्मपत्नि वीणा सिंह बचती है. लेकिन इस कार्यक्रम में वह खुद उत्साह के साथ यहां आई है. उन्होंने कहा मुझसे कहा था कि वृक्षारोपण के इस बड़े अभियान के आगाज में वह खुद मौजूद होंगी.
कार्यक्रम के दौरान वयोवृद्ध पूर्व मंत्री रामचंद्र सिंहदेव की भी मौजूदगी रही. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि रामचंद्र सिंहदेव आज हमारे साथ मौजूद हैं. जीवन भर उन्होंने पर्यावरण संरक्षण को लेकर काम किया है.
पेड़ों की होगी फोटोग्राॅफी, पेड़ ठूठ में बदले तो अधिकारियों के सीआर पर लिखा जाएगा
हरिहर छत्तीसगढ़ अभियान के तहत आठ करोड़ पौधे लगाए जाने के महाअभियान के दौरान जहां-जहां पेड़ लगाए जाएंगे, उन स्थानों की फोटोग्राफी भी की जाएगी. साथ ही साथ उन तमाम फोटोग्राॅफ्स को सार्वजनिक डोमेन में डाला जाएगा. वन मंत्री महेश गागड़ा ने कहा कि जीपीएस सिस्टम के जरिए भी पेड़ों की निगरानी की जाएगी. उन्होंने कहा कि पेड़ यदि ठूठ में बदले तो इसकी जिम्मेदारी संबंधित क्षेत्र के वन अधिकारियों की होगी. शिकायत मिलने पर उनके खिलाफ सीआर लिखा जाएगा.
इधर मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह ने कहा कि यदि किसी पंचायत के पास कोई खाली जमीन है, तो वन विभाग वृक्षारोपण में मदद करेगा. इसके अलावा यदि कोई निजी व्यक्ति भी अपनी खाली पड़ी जमीनों पर पेड़ लगाना चाहता है, तो इस पर भी वन विभाग की ओर से मदद दी जाएगी.
वीणा सिंह ने कहा- हाईब्रिड पेड़ों के चक्कर में ना पड़े, देशी पेड़ ही काम आएंगे.
कार्यक्रम में पहुंची मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह की धर्मपत्नि वीणा सिंह ने कहा कि मातृवृक्ष समिति, पर्यावऱण के लिए काम करती है. देशी वृक्षों को हम लगाते हैं, हाईब्रिड प्लाटेंशन नही ंकरते. अगली पीढ़ी के लिए प्राकृतिक चीजें बची रहे. मांओं को जोड़कर मैंने पांच-छह साल पहले समिति बनाई थी. पेड़ लगने के बाद उसकी देखभाल के लिए समिति की महिलाएं जाती हैं, पेड़ों में कीड़ा लग जाए, तो वन विभाग को बताया जाता है कि दवाओं को छिड़काव कर दे. ये साल भर काम करती हैं.
वीणा सिंह ने कहा कि दो साल मेरी तबियत खराब होने की वजह से काम धीमा पड़ गया था. अब ठीक हो गई हूं, फिर से उत्साह के साथ काम करेंगे. यदि अगली पीढ़ी हाईब्रिड देखेगी, तो नेचुरल चीजें नहीं देख पाएंगे, लिहाजा हमारी कोशिश है कि देशी वृक्षों को लगाए. समिति बनने के बाद पहले हम पेड़ लगाते थे, लोग आकर हमारी समिति के जरिए पेड़ लगवाया करते थे, लेकिन बाद में पता चला कि कई ऐसी जगहों पर पेड़ लगा दिया जो कंट्रोवर्सियल जमीन थी. लेकिन अब हम सरकारी प्लांटेशन में मदद करते हैं. मेरी तरफ से यही अपील है कि देशी पेड़ों को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा दें, हाईब्रिड के चक्कर में ना पड़े. देशी पेड़ ही काम आएंगे.