3 दिन क्यों बंद रहता है कामाख्या देवी मंदिर, जानिये कैसे पड़ा नाम...
असम के गुवाहाटी में स्थित कामाख्या देवी मंदिर में देवी सती की योनी की पूजा होती है.
साल के 3 दिन यहां पुरुषों का प्रवेश करना वर्जित है, आज भी माता यहां पर रजस्वला होती हैं.
चलिए जानते है मंदिर से जुड़ी दिलचस्प बातों के बारे में...
पुराणों के अनुसार विष्णु भगवान ने अपने चक्र से माता सती के 51 भाग किए थे.
जहां-जहां यह भाग गिरे वहां पर माता का एक शक्तिपीठ बन गया.
इस जगह पर माता की योनी गिरी थी, इसलिए यहां उनकी कोई मूर्ति नहीं बल्कि योनी की पूजा होती है आज यह जगह शक्तिशाली पीठ है.
दुर्गा पूजा, पोहान बिया, दुर्गादेऊल, बसंती पूजा, मदान देऊल, अम्बुवासी और मनासा पूजा पर इस मंदिर की रौनक देखते ही बनती है.
कामाख्या देवी का मंदिर 22 जून से 25 जून तक बंद रहता है, माना जाता है कि इन दिनों में माता सती रजस्वला रहती हैं.
इन 3 दिनों में पुरुष भी मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकते, कहते हैं कि इन 3 दिनों में माता के दरबार में सफेद कपड़ा रखा जाता है, जो 3 दिनों में लाल रंग का हो जाता है.
इस कपड़े को अम्बुवाची वस्त्र कहते हैं। इसे ही प्रसाद के रूप में भक्तों को दिया जाता है