इस्लामाबाद। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी दूसरी बार पाकिस्तान के राष्ट्रपति के तौर पर चुने गए हैं. संसद और विधानसभाओं के हुए मतदान में सत्तारूढ़ गठबंधन के समर्थन से उन्होंने पीटीआई समर्थित उम्मीदवार को पराजित किया. इस चुनाव को विपक्षी दल पीटीआई के अध्यक्ष बैरिस्टर गोहर अली खान ने असंवैधानिक करार दिया है. इसे भी पढ़ें : पूरी हुई मुराद, पीएम मोदी ने दी छत्तीसगढ़ की महिलाओं को महतारी वंदन योजना पहली किस्त…

राष्ट्रपति के लिए हुए मतदान में जरदारी को 411 वोट मिले, जबकि जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी द्वारा समर्थित उनके प्रतिद्वंद्वी महमूद खान अचकजई को 181 वोट मिले. पाकिस्तान चुनाव आयोग ने शनिवार को सांसदों, विधायकों और सीनेटरों के वोटों का मिलान करने के बाद चुनाव परिणाम की घोषणा की. जरदारी के रविवार को एक समारोह में शपथ लेने की उम्मीद है.

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गठबंधन समझौते की शर्तों के तहत पीएमएल-एन के शहबाज शरीफ ने इस सप्ताह की शुरुआत में सोमवार को प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. वहीं अब सत्तारुढ़ गठबंधन की मदद से राष्ट्रपति के तौर पर पीपीपी के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी राष्ट्रपति चुने गए हैं.

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68 वर्षीय जरदारी ने इससे पहले 2008 में बेनजीर भुट्टो की बंदूक और बम हत्या के बाद सहानुभूति वोट के बाद राष्ट्रपति पद संभाला था, जब वह पुन: चुनाव के लिए प्रचार कर रही थीं. पांच साल तक पद पर रहते हुए उन्होंने राष्ट्रपति पद की शक्तियों को वापस ले लिया.

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पाकिस्तान का राष्ट्रपति पद एक समय शक्तिशाली था, लेकिन जरदारी द्वारा संवैधानिक संशोधन करने के बाद 2010 में इसे एक प्रमुख व्यक्ति के पद तक सीमित कर दिया गया. जरदारी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं और उन्होंने 11 साल से अधिक समय जेल में बिताया है, लेकिन उन्होंने अपने विभिन्न घोटालों से वापसी की है.