नई दिल्ली . जेएनयू में छात्रसंघ चुनाव को लेकर समिति ने कार्यक्रम जारी किया. आधिकारिक सूचना के मुताबिक, 14 मार्च से छात्र नामांकन दाखिल कर सकते हैं. इसके बाद उम्मीदवारों की अंतिम सूची 16 मार्च को प्रदर्शित की जाएगी.

बता दें कि छात्र सुबह नौ से शाम पांच बजे तक अपना नाम देख सकते हैं. 14 मार्च को नामांकन पत्र जारी किए जाएंगे. 15 मार्च को सुबह 9.30 बजे से शाम पांच बजे तक प्रत्याशी नामांकन दाखिल कर सकेंगे. वहीं, 16 मार्च को नामांकन भरने वाले प्रत्याशियों की सूची जारी की जाएगी.

16 मार्च को ही सुबह 10 से एक बजे तक प्रत्याशी अपना नामांकन वापस ले सकेंगे. इसी दिन दोपहर तीन बजे प्रत्याशियों की अंतिम सूची जारी कर दी जाएगी. 20 मार्च को प्रेसिडेंशियल डिबेट का आयोजन होगा. 22 तारीख को मतदान होगा और 24 तारीख को परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे. इस साल जेएनयू के छात्र शैलेंद्र कुमार छात्र संघ चुनाव संपन्न कराएंगे.

विश्वविद्यालय शासी निकाय की बैठक (यूजीबीएम) 20 मार्च की सुबह 10 बजे आयोजित होगी और इसी दिन रात 9 बजे से प्रेसिडेंशियल डिबेट होगी, जिसमें सभी छात्र संगठनों के अध्यक्ष पद के छात्रों को संबोधित करेंगे. नोटिस के अनुसार, छात्रसंघ चुनाव के लिए 22 मार्च को मतदान होगा. वोटों की गिनती 24 मार्च को होगी, जिसके बाद नतीजे घोषित किए जाएंगे. जेएनयू में छात्रसंघ चुनाव में पूर्व की भांति इस बार भी मतपत्रों से ही होगा.

इससे पहले जेएनयू (JNU) छात्र संघ चुनाव समिति ने आगामी चुनावों में प्रचार के नियमों को लेकर आचार संहिता जारी की थी. समिति ने छात्रों से चुनाव आयोग का सहयोग करने की गुजारिश की थी ताकि चुनाव शांतिपूर्ण और अनुशासित तरीके से कराए जा सकें. आचार संहिता के मुताबिक चुनाव समिति की इजाजत के बिना पोस्टर का इस्तेमाल नहीं करेंगे. इसके साथ ही छात्र सिर्फ हाथ से बनाए पोस्टर का ही इस्तेमाल करेंगे.

चुनाव को लेकर बनाए गए सख्त नियम

चुनाव के दौरान अगर कोई छात्र जेएनयू की संपत्ति को नुकसान पहुंचाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. छात्र प्रचार के लिए कैंपस की इमारतों, सड़कों, खंभों, बस स्टॉप, पेड़ों पोस्टर नहीं लगा सकते. इसके साथ ही किसी भी सार्वजनिक बैठक के लिए चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होगी. इसकेअलावा जुलूस निकालने, वाहनों का इस्तेमाल करने पर भी रोक लगाई गई है.

वामपंथी संगठनों का दबदबा रहा 2019 में हुए छात्रसंघ चुनाव में वामपंथी छात्र संगठनों ने गठबंधन बनाकर चुनाव लड़ा था. इसमें आइसा, एसएफआई, एआईएसफ और डीएसएफ की अध्यक्ष पद पर संयुक्त उम्मीदवार आइशी घोष थी. इस चुनाव में एबीवीपी किसी भी पद पर जीत नहीं पाई थी.