नई दिल्ली। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने शनिवार को DCP से एक पुलिसकर्मी की ओर से सार्वजनिक स्थान पर नमाज पढ़ रहे लोगों को लात मारने के मामले में रिपोर्ट मांगी है. कोर्ट के मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट मनोज कौशल ने आदेश दिया है कि कार्रवाई की रिपोर्ट सुनवाई की अगली तारीख 1 मई तक जमा की जाए.

यह घटना तब सामने आई जब सब-इंस्पेक्टर मनोज तोमर को एक वायरल वीडियो (Viral Video) में दिल्ली के इंद्रलोक इलाके में मक्की जामा मस्जिद के पास नमाज अदा कर रहे लोगों को मारते हुए देखा गया. Video में तोमर को सड़क पर प्रार्थना कर रहे लोगों को लात मारते और धक्का देते हुए, यहां तक कि उनकी ओर से इस्तेमाल की जाने वाली प्रार्थना चटाई पर पैर रखते और चिल्लाते हुए देखा गया था. सोशल मीडिया (Social Media) पर विरोध के बाद 8 मार्च को दिल्ली पुलिस के SI को निलंबित कर दिया गया था.

Judge ने क्या कहा?

एक याचिका पर सुनावाई करते हुए मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट मनोज कौशल ने कहा कि दलीलें सुन ली गई हैं. संबंधित पुलिस उपायुक्त (DCP) से 1 मई को कार्रवाई रिपोर्ट मांगी जाए.

FIR दर्ज करने की गुजारिश

एडवोकेट फराज खान ने अपनी शिकायत में कहा कि मुल्जिमों के इस ‘‘बेतुके कृत्य’’ ने लोगों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करने के अलावा समाज में सद्भाव और शांति को बिगाड़ने का काम किया. याचिका में कोर्ट से मुल्जिम को तलब करने और उस पर FIR दर्ज कर मुकदमा चलाने का निर्देश देने की गुजारिश की गई है. दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के मुताबिक, उपनिरीक्षक को तत्काल सस्पेंड कर दिया गया था.