पतंजलि मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव को अवमानना नोटिस जारी किया है. अदालत ने बाबा रामदेव को दो सप्ताह के बाद कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है. कोर्ट ने बाबा रामदेव के साथ-साथ आचार्य बालकृष्ण को भी तलब किया है.
पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव को नोटिस जारी कर कोर्ट बुलाया था. कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद के मैनेजिंग डायरेक्टर बालकृष्ण और रामदेव से तीन सप्ताह के भीतर जवाब मांगा था. इसके अलावा सुपरीम कोर्ट ने संस्था के विज्ञापन प्रकाशित करने पर भी प्रतिबंध लगा दिया था. दरअसल इंडियन मेडिकल असोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि पतंजलि आयुर्वेद के विज्ञापन झूठा दावा करने वाले और भ्रामक हैं.
कोर्ट ने कहा, पतंजलि के विज्ञापनों को हमने देखा. बाबा रामदेव को बताना चाहिए कि उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही आखिर क्यों ना शुरू की जाए. उन्होंने ड्रग्स ऐंड मैजिक रेमेडीज ऐक्ट 1954 का भी उल्लंघन किया है. इस कानून का सेक्शन 3 ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, अर्थराइटिस, अस्थमा जैसे रोगों को जड़ से खत्म करने के प्रचारों पर प्रतिबंध लगाया है. पतंजलि की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि पतंजलि से बाबा रामदेव का कोई लेना देना नहीं है. कोर्ट को उनकी बात सुननी चाहिए. इसपर बेंच ने कहा, बाबा रामदेव ने हमारे आदेश के बाद भी प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. उनको केवल कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. उन्हें अपना जवाब देने दीजिए.
क्या है पूरा मामला?
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. इस याचिका में कहा गया था कि पतंजलि आयुर्वेद के विज्ञापनों में अपने प्रोडक्ट्स के जरिए एलोपैथिक दवा जैसा प्रभाव का झूठा दावा किया जा रहा है. पतंजलि आयुर्वेद को अपने उत्पादों के बारे में किए गए दावे और उनके औषधीय प्रभाव का दावा करने वाले बयानों को लेकर 27 फरवरी 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई थी.