Lok Sabha Election2024. लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही सियासी सरगर्मी तेज हो गई है. यूपी की आजमगढ़ सीट पर मुकाबला बहुत रोचक होने वाला है. सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आजमगढ़ सीट से अपने परिवार के ही धर्मेंद्र यादव को प्रत्याशी बनाकर आजमगढ़ के मुकाबले को रोचक बना दिया है. इस सीट पर जाति का हमेशा प्रभाव रहा है. इसलिए भाजपा और सपा ने यादव जाति के उम्मीदवार को मैदान पर उतारी हैं. भाजपा ने भोजपुरी स्टार दिनेश लाल यारदव निरहुआ पर फिर से भरोसा जताया है.

दूसरी ओर समाजवादी पार्टी ने अपने पुराने प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव को ही मैदान में उतारा है, जो पिछली बार निरूहआ से चुनाव हार गए थे. लेकिन हारने का अंतर इतना कम था कि इस बार जीत का गणित उनके पक्ष में दिखाई दे रहा है. 19 लाख वोटर्स वाली इस पर 4.5 लाख यादव और 3 लाख मुस्लिम हैं. वहीं, 2.75 लाख दलित और 80 हजार राजभर समुदाय के मतदाता हैं. भोजपुरी सुपर स्टार निरहुआ यादव आजमगढ़ के नहीं हैं पर 2019 से ही वो आजमगढ़ में रह रहे हैं. 2019 में वो अखिलेश यादव से करीब 2 लाख 60 हजार वोटों से चुनाव हार गए थे. अखिलेश ने चूंकि विधानसभा चुनाव जीतकर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय होने का फैसला किया इसलिए उन्होंने आजमगढ़ संसदीय सीट छोड़ दी. 

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बाद में उपचुनाव हुए और इस सीट पर धर्मेंद्र यादव को समाजवादी पार्टी ने उम्मीदवार बनाया पर बीजेपी के निरहुआ यादव से उन्हें हार मिली. हालांकि 2019 के चुनावों में निरहुआ यादव को करीब 361704 वोट मिले थे जो उपचुनावों में घटकर 312000 के करीब हो गए थे. फिर भी निरहुआ ने धर्मेंद्र यादव को करीब 8 हजार वोटों से हराया.

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