नई दिल्ली : एशिया की सबसे बड़ी जेल तिहाड़ में कैदियों को जेल के अंदर मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए छह नए स्थानों पर 15 जैमर लगाने की प्रक्रिया चल रही है. काम पिछले दो महीने से चल रहा है और अब अंतिम पड़ाव पर है.

जेल के अधिकारियों ने कहा कि लगभग 11.5 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना से जेल में 2जी, 3जी और 4जी नेटवर्क वाले सभी फोन के नेटवर्क जाम करने में मदद मिलेगी. तिहाड़ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ये 15 जैमर वर्तमान में स्थापित तीन टावर्स ऑफ हार्मोनियस कॉल ब्लॉकिंग (टीएचसीबी) सिस्टम के अतिरिक्त होंगे, जो एक तरह की तकनीक है जो कॉल शुरू होते ही बंद कर देती है. जैमर लगने के बाद कैदी मोबाइल रखने के बावजूद इसका इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे.

एक अन्य अधिकारी ने कहा कि ये जैमर उच्च सुरक्षा वाली जेलों में लगाए जा रहे हैं, जिनमें तिहाड़ की नौ में से छह जेलें हैं. वर्तमान में, दिल्ली की तीनों जेलों – तिहाड़, मंडोली और रोहिणी में 10,000 कैदियों की क्षमता के मुकाबले 19,000 कैदी हैं.

जेल से ही गैंग चला रहे गैंगस्टर

2 महीने पहले टावर लगाने का काम शुरू किया गया है और इस महीने के अंत तक पूरा हो जाएगा. सूत्र के अनुसार हाई-सिक्योरिटी जेल में जैमर लगाए जा रहे हैं . क्योंकि ज्यादातर मामले इन्हीं सेल से सामने आए थे. जेल प्रशासन के अनुसार तिहाड़ जेल में अक्सर छापेमारी के दौरान कैदियों के पास से मोबाइल जब्त किए जाते थे. गैंग के बदमाश मोबाइल का इस्तेमाल कर बाहर मौजूद अपने गैंग के सदस्यों से संपर्क करते थे और उनसे वारदात को अंजाम दिलाते थे.