मुकेश सेन, टीकमगढ़। देश आज चाहे मंगल पर पहुंच गया हो लेकिन ग्रामीण और दूरदराज के अंचल में स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाल स्थिति जस कि तस बनी हुई। स्वास्थ्य सुविधाओं और सिस्टम का इतना बुरा हाल है कि आज भी महिलाओं को सड़क पर बच्चे को जन्म देना पड़ रहा है। मामला मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले के बल्देवगढ़ थाना क्षेत्र का है। जहां एक महिला ने बीच सड़क पर बच्चे को जन्म दिया। किस्मत अच्छी रही कि गर्भवति महिला को गांव की महिलाओं का सहारा मिला। उन्होंने ने बीच पथरीले रास्ते में गर्भवति महिला की सुरक्षित डिलीवरी करवाई।

परिजनों का आरोप है कि सूचना के बाद भी जननी एक्सप्रेस समय पर नहीं पहुंची। परिजन 2 घंटे तक एंबुलेंस का इंतजार करते रहे। इस दौरान महिला प्रसव पीड़ा से तड़पती रही। परिजन महिला को अपने साधन से अस्पताल ले जा रहे थे। लेकिन प्रसव पीड़ा इतनी बढ़ी कि बीच रास्ते में ही महिला की डिलीवरी करानी पड़ी। इसके बाद परिजनों ने प्राइवेट वाहन से महिला को नजदीकी सामुदयिक स्वास्थ्य केंद्र बल्देवगढ़ लाया। फिलहाल, जच्चा-बच्चा सुरक्षित है।

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एंबुलेंस का ड्राइवर बोला टाइम नहीं है

परिजनों के अनुसार एंबुलेंस को फोन लगाया गया लेकिन ड्राइवर से जवाब आया कि टाइम नहीं है। मामला बल्देवगढ़ थाना क्षेत्र की नन्नी टेरी गांव का है। परिजन दो घंटे तक एंबुलेंस का इंतजार करते रहे, लेकिन एंबुलेंस नहीं आई। इस दौरान महिला की हालत लगातार बिगड़ती गई। परिजनों का कहना है कि ऐसी स्वास्थ्य सुविधाओं का क्या फायदा, ऐसी योजनाओं का क्या फायदा, जब महिलाएं बीच सड़क पर बच्चे को जन्म देने को मजबूर है।

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