तिरुवनंतपुरम। प्रख्यात मलयाली लेखक केपी रमनउन्नी को एक धमकी भरा गुमनाम खत मिला है. उसमें उनरे ऊपर आरोप लगाया गया है कि उनके हालिया लेखों की वजह से मुस्लिम युवक ‘भटक’ रहे हैं. खत में उन्हें चेतावनी देते हुए लिखा गया है कि वह अपनी हरकतों से बाज आएं और छह महीने के भीतर इस्लाम कबूल कर लें.
अगर वे ऐसा नहीं करते तो उनके दाहिने हाथ और बाएं पैर को काट दिया जाएगा. खत में यह भी लिखा गया है कि यदि वह नहीं माने तो उनकी भी हालत प्रोफेसर टीजे जोसेफ की तरह कर दी जाएगी. 2010 में प्रोफेसर जोसेफ का दायां हाथ एक कट्टरपंथी मुस्लिम संगठन से जुड़े लोगों ने काट दिया था.
इस संगठन का आरोप था कि एक प्रश्नपत्र सेट करने के दौरान प्रोफेसर जोसेफ ने उनकी धार्मिक भावनाओं को कथित तौर पर आहत किया था. रमनउन्नी को छह दिन पहले कोझिकोड स्थित आवास पर यह खत मिला था. जिसके बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.
लेखक रमनउन्नी का कहना है कि इस बात का कोई संकेत खत से नहीं मिला कि इसके पीछे कौन है लेकिन ऐसा समझा जा रहा है कि इसको मलप्पुरम जिले के मंजेरी से भेजा गया है. रमनउन्नी का कहना है कि पहले तो उन्होंने इस खत को नजरअंदाज किया लेकिन वरिष्ठ लेखकों की सलाह के बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.
उन्होंने कहा, ”मुझे इस खत के पीछे की मंशा के बारे में नहीं पता. मैंने कोझिकोड पुलिस कमिश्नर के पास शिकायत दर्ज कराई और मामले को देखने का आग्रह किया है.”
पुलिस ने रमनउन्नी की शिकायत के आधार पर अपनी जांच शुरू कर दी है. रमनउन्नी उपन्यासकार और लघु कहानियां लिखते हैं. वह केरल साहित्य अकादमी अवार्ड और वायलार अवॉर्ड से सम्मानित हैं. उनके पहले उपन्यास ‘सूफी परांजा कथा’ पर फिल्म भी बन चुकी है. इसकी कहानी एक मुस्लिम व्यक्ति और हिंदू महिला की प्रेम कथा के इर्द-गिर्द बुना गया है.