शब्बीर अहमद, भोपाल। Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों का ऐलान हो गया है. मध्य प्रदेश में भी सियासी पारा हाई है. मालवा और निमाड़ को मिलाकर बनी खंडवा लोकसभा सीट से बीजेपी और कांग्रेस के दिग्गज चुनाव जीतते रहे हैं. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहे दिवंगत नंदकुमार सिंह चौहान यहां से कई बार चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे नंदकुमार सिंह चौहान एक बार को छोड़कर जब-जब यहां से चुनाव लड़े उन्हें जीत हासिल हुई. 2009 में नंदकुमार सिंह को अरुण यादव से हार का सामना करना पड़ा था. फिलहाल यहां से बीजेपी के ज्ञानेश्वर पाटिल सांसदी हैं, जिन्हें पार्टी ने फिर से मौका दिया है.
बीजेपी का गढ़ खंडवा लोकसभा
खंडवा लोकसभा कभी कांग्रेस का गढ़ कहा जाता था, लेकिन पिछले 10 चुनाव से बीजेपी ने इस सीट पर अपना दबदबा बना लिया है. यहां अबतक 20 बार चुनाव हुए, जिसमें 9 बीजेपी को जीत मिली सबसे ज्यादा बार यहां सांसद रहना का रिकॉर्ड बीजेपी नंदकुमार सिंह चौहान के नाम है, वो इस सीट से 7 बार लोकसभा का चुनाव लड़े. जिसमें से सिर्फ एक बार उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा. 6 बार वो यहां सांसद चुने गए. मध्यप्रदेश भाजपा के पितृ पुरुष माने जाने वाले कुशाभाऊ ठाकरे भी खंडवा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं. 1979 के लोकसभा उपचुनावों में जनसंघ के टिकट पर ठाकरे ने जीत हासिल की थी.
2019 में भी नंदकुमार सिंह चौहान ही खंडवा से लोकसभा चुनाव जीते थे, लेकिन 2021 को निधन हो गया. जिसके बाद यहां से ज्ञानेश्वर पाटिल को बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बनाया. उपचुनाव में ज्ञानेश्वर पाटिल करीब 82 हजार वोटों से जीत हासिल की जो 2019 के जीत के आंकड़े से काफी कम था. यहां के लोगों की एक शिकायत हमेशा रही है, ज्यादातर यहां के सांसद जो बने हैं वो बुरहानपुर जिले से आते हैं.
खंडवा लोकसभा में कुल 8 विधानसभा सीटें
खंडवा लोकसभा में कुल 8 विधानसभा आती हैं. जिसमें से 7 पर बीजेपी का कब्जा है, सिर्फ एक सीट कांग्रेस के पास है. खंडवा जिले की खंडवा, पंधाना और मांधाता विधानसभा सीटों के साथ ही देवास जिले की बागली विधानसभा सीट भी इस संसदीय सीट के दायरे में आती हैं. इन चारों सीटों पर भाजपा काबिज है. बुरहानपुर जिले की दोनों सीटों पर भी 2023 विधानसभा में बीजेपी ने जीत हासिल की थी.
विधानसभा का समीकरण
वहीं खरगोन जिले की दो विधानसभा सीटों में से बड़वाह सीट पर कांग्रेस को 2023 में हार का सामना करना पड़ा. ये इलाका आदिवासी बाहुल्य है बागली, पंधाना, नेपानगर और भीकनगांव आदिवासी समाज के लिए आरक्षित है. साथ ही मांधता सीट पर भी जीत हार में निर्णायक भूमिका आदिवासी ही निभाते हैं.
प्राकृतिक सुंदरता और पर्यटन से खंडवा की पहचना
खंडवा अपनी प्राकृतिक सुंदरता और पर्यटन के लिए भी जाना जाता है. 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग इसी जिले में है. इसके अलावा घंटाघर, दादा धूनीवाले दरबार, हरसूद, मूंदी, सिद्धनाथ मंदिर और वीरखाला रूक यहां के अन्य लोकप्रिय पर्यटन स्थल हैं.
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