चंकी बाजपाई, इंदौर। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर ने एक बार फिर जमीनों के पंजीयन को लेकर सबसे अधिक राजस्व देने वाला और महिलाओं की सर्वाधिक भागीदारी करने वाला शहर बना है। शहर में पंजीयन कार्यालय में कुल 93 हजार 400 रजिस्ट्री हुई है। जिसमें से 34 हजार 300 रजिस्ट्री महिलाओं द्वारा करवाई गई है। जिसमें महिलाओं ने दो प्रतिशत की शासन द्वारा छूट प्राप्त करते हुए 94 करोड़ की छूट हासिल की है।

इंदौर पंजीयन कार्यालय के रजिस्टर दीपक कुमार शर्मा ने बताया कि, शासन की मनसा अनुसार प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के आसपास जिलों में काफी विकास के कार्य हो रहे हैं और उसी के कारण शहर में जमीन की खरीदी भी काफी बढ़ रही है। जिसमें मेट्रो प्रोजेक्ट और प्रवासी भारतीय सम्मेलन से खासा असर पड़ा है।

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तो वही उज्जैन में बाबा महाकाल में चल रहे विकासशील कार्यों के कारण सांवेर रोड पर कई होटल और कॉलोनी कट रही हैं। इसी के साथ मेट्रो प्रोजेक्ट के चलते लगातार शहरी क्षेत्र का विकास हो रहा है और इसी के कारण काफी मात्रा में रजिस्ट्री हुई है। जिसमें से महिलाओं ने सबसे ज्यादा रजिस्ट्री कराई। इसके पीछे का कारण शासन द्वारा महिलाओं को रजिस्ट्री में दो प्रतिशत की विशेष छूट है।

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जिसके कारण कल 94 करोड़ रुपए महिलाओं द्वारा बचत की गई है। वित्तीय वर्ष 2023–24 में 1 लाख 75 हजार दस्तावेजों का पंजीयन हुआ। जिसमें सरकार को 2415 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है और मात्र 1 वर्ष में ही करोड़ के संपत्ति की मालकिन महिलाएं बनी है।

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