अमृतसर. विधानसभा चुनावों में दो सीटों पर सिमटने के बाद लोकसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन कर – वापसी की उम्मीद कर रही शिरोमणि अकाली दल के लिए मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं और विधानसभा चुनावों के बाद अब लोकसभा चुनावों में भी शिरोमणि अकाली दल को शहर में बड़ा झटका लग सकता है जिसका कारण टकसाली अकाली कार्यकर्त्ताओं और समर्थकों की नाराजगी है.

पत्रकारों से बातचीत करते हुए कई टकसाली अकाली नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कहा कि वह पिछली कई पीढ़ियों से अकाली दल के साथ जुड़े हुए हैं और हर बार उनके द्वारा बिना शर्त अकाली दल की जीत के लिए काम किया जाता है लेकिन पार्टी और पार्टी के नेताओं ने कभी उनकी सुध नहीं ली बल्कि उन पर ऐसे लोगों को लाकर थोप दिया जिनका ना तो कोई जनाधार और ना ही पार्टी के लिए कभी कोई योगदान नहीं रहा बल्कि ऐसे लोग केवल अकाली दल की सरकार के समय सत्ता सुख भोग कर चलते बने. उन्होंने बताया कि उनके द्वारा इस संबंध में बार-बार पार्टी के उच्च नेताओं को अवगत करवाया गया लेकिन उनके द्वारा उन्हें कोई आश्वासन देना तो दूर ठीक से उनकी बात तक नहीं सुनी गई.

मिली जानकारी के अनुसार आने वाले दिनों में नाराज अकाली कार्यकर्त्ताओं के द्वारा एक बड़ी मीटिंग का आयोजन किया जाएगा जिसमें उनके द्वारा अकाली दल छोड़ने समेत कोई भी बड़ा निर्णय लिया जा सकता है और यदि यह सच हुआ तो लगातार चौथी बार बठिंडा सीट जीतने और लोकसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन कर वापसी की उम्मीद लगाई बैठी शिरोमणि अकाली दल की उम्मीदों को बड़ा झटका लग सकता है क्योंकि पिछले तीन लोकसभा चुनावों में शहर में अकाली दल का प्रदर्शन उच्च स्तर का रहा है और इस बार चुनाव बेहद काठिन होने के चलते एक एक वोट महत्वपूर्ण है.

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