रिपोर्ट- प्रवीण त्रिपाठी, रायगढ़। छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं का क्या हाल है, इससे तो आप भली भांति परिचित होंगे ही। बालोद नेत्र कांड, नसबंदी कांड, गर्भाशय कांड इसी की एक बानगी है। ऐसा ही एक मामला रायगढ़ मेडिकल कॉलेज अस्पताल का आया है जहां मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
अस्पताल में डॉक्टर, नर्स, कंपाउंडर पदस्थ तो हैं लेकिन मरीजों का इलाज डॉक्टर, कंपाउंडर या फिर नर्स नहीं बल्कि कॉलेज में तैनात किए गए सुरक्षा गार्ड से कराया जा रहा है। दरअसल अंजना कुर्रे नाम की एक महिला के सिर में गम्भीर चोट लगने के कारण इलाज के लिए उसे परिजन मेडिकल कॉलेज अस्पताल लेकर पहुंचे।
अस्पताल में डॉक्टर तो मौजूद थे लेकिन डॉक्टर साहब व्यस्त ज्यादा थे लिहाजा उन्होंने सुरक्षा गार्ड से ही मरीज के सिर में स्टीच लगवा दिया। आप सोचिए सिर जैसी नाजुक जगह में सुरक्षा गार्ड से स्टीच लगवाया गया, वो सुरक्षा गार्ड जिसे उपचार या फिर सावधानियों की एबीसीडी भी नहीं मालूम है। उधर परिजन मरीज की जान से खिलवाड़ किए जाने का वीडियो अपने मोबाइल में बना लिए।
कुछ दिन पूर्व ही प्रशासन की सख्ती पर यहां के डॉक्टर हड़ताल कर चुके हैं । वजह यह थी कि नव पदस्थ कलेक्टर शम्मी आबिदी जब अस्पताल के निरीक्षण के लिए पहुंची तो उन्हें वहां कई खामियां नजर आई। उन्होंने सुधार के लिए निर्देश दिया। लेकिन अस्पताल प्रबंधन खामियों में सुधार तो नहीं किया अलबत्ता अस्पताल अधीक्षक द्वारा यह कहा गया कि मेडिकल अस्पताल कलेक्टर के अंडर में नहीं आता, इसलिए हम कलेक्टर के आदेश को नहीं मानेंगे।
कलेक्टर की नोटशीट पर शासन ने अस्पताल अधीक्षक को निलंबित कर दिया तो अस्पताल के डॉक्टर हड़ताल पर चले गए थे। जिसके बाद शासन को निलम्बन का अपना आदेश वापस लेना पड़ा था। अब देखना होगा कि मरीजो की जान के साथ खिलवाड़ करने के इस गंभीर मामले में शासन की ओर से कोई कार्रवाई होती भी है या नहीं और होगी तो कब।
देखें वीडियो
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