Rajasthan Lok Sabha News: लोकसभा आम चुनाव-2024 में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन पर कड़ी निगरानी रखने के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा बनाए ‘सी-विजिल‘ एप शिकायतों के समाधान का बेहतरीन जरिया बनता जा रहा है। एप के माध्यम से प्राप्त शिकायतों पर रिकॉर्ड समय में कार्रवाई हो रही है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि आदर्श आचार संहिता लागू होने से अब तक प्रदेशभर में 2,895 शिकायतें दर्ज की गयी है। इनमें से सही पाई गई 1,147 शिकायतों का तय समय में निस्तारण कर दिया गया।
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निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि सी-विजिल एप पर मिली अवैध शराब वितरण की शिकायत पर झुंझुनूं के खेतड़ी में एफआईआर दर्ज की गई है। एप पर मिली शिकायत के आधार पर जांच की गई, जांच के दौरान मौके पर 146 पव्वे और शराब की खाली बोतलें मिलीं। इसके बाद खेतड़ी के आबकारी थाना में राजस्थान आबकारी अधिनियम, 1950 की धारा 19/54 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
अब तक प्राप्त 2,893 शिकायतों में से 1,147 शिकायतों का रिटर्निंग ऑफिसर्स ने सही पाया और उनका तय समय सीमा में निस्तारण किया गया। 5 शिकायतें अभी जांच दलों और रिटर्निंग ऑफिसर्स के द्वारा निर्णय के लिए लंबित हैं। 1,747 शिकायतें डीसीसी द्वारा ड्रॉप कर दी गयी।
टोंक जिले में सबसे ज्यादा शिकायतें
निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि सी विजिल पर आदर्श आचार संहिता की सबसे ज्यादा 291 शिकायतें टोंक जिले से प्राप्त हुईं। इनमें से 220 शिकायतें सही पायी गयी और इन सभी शिकायतों का तय समय में निस्तारण कर दिया गया। इस एप के माध्यम से अधिकतम सौ मिनट की समय सीमा में प्राप्त शिकायतों का समाधान किया जाता है।
अवैध पोस्टर बैनर की शिकायतें सबसे ज्यादा
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि अवैध पोस्टर- बैनर की सबसे ज्यादा 1,274 शिकायतें दर्ज की गयी है, इनमें 917 शिकायतें सही पायी, जिन पर तुरंत कार्रवाई कर दी गयी। उन्होंने बताया कि अब तक आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतों पर पर्याप्त सबूतों के अभाव में कड़ी कार्रवाई से बच जाते थे। शिकायत के सत्यापन में तस्वीर या वीडियो के रूप में दस्तावेजी साक्ष्य की कमी भी बाधा थी। नया एप इन सभी खाइयों को पाटने का काम कर रहा है।
कैसे काम करता है सी-विजिल
‘सी-विजिल‘ किसी भी व्यक्ति को आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की रिपोर्ट करने की अनुमति देता है। आमजन इस एप का इस्तेमाल करके कदाचार की घटना की जानकारी भेज सकता है। सौ मिनट की समय सीमा में अधिकारीगण समस्या का निस्तारण करेंगे। इस एप की सबसे खास बात यह है कि शिकायतकर्ता की पहचान गोपनीय रखी जाने का भी विकल्प है। कोई भी व्यक्ति एन्ड्रॉयड आधारित ‘सी-विजिल’ एप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकता है।
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