रिपोर्ट- पंकज सिंह भदौरिया, दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के बस्तर में शिक्षा व्यवस्था का बुरा हाल है, कई जगह अभी तक स्कूल भवन ही नहीं है और अगर कहीं है तो वह भी इतना ज्यादा जर्जर कि वहां पढ़ने और पढ़ाने वाले दोनों की जान जोखिम में है।

ऐसा ही कुछ हाल दंतेवाड़ा जिले के कुआकोंडा ब्लॉक स्थित पिछलीपारा स्कूल का है। यहां स्कूल भवन बेहद जर्जर स्थिति में है। छत से कई जगह प्लास्टर उखड़-उखड़ कर गिर रहा है, बारिश होने पर स्कूल की छत से पानी टपकता है।

स्कूल में 58 छात्र पढ़ाई करते हैं लेकिन जर्जर होने की वजह से कभी भी कोई भी हादसा होने का खतरा बना रहता है। विकासखण्ड कुआकोंडा का यह इकलौता स्कूल नहीं है जहां हालात इतनी बदतर है। अंदरुनी क्षेत्रों में स्कूलों के हालात इससे भी कहीं ज्यादा बदतर हैं।

हैण्ड पंप से निकलता है लाल पानी

 

 

स्कूल भवन के ठीक पीछे बच्चों को पानी पीने के लिए हैंडपंप लगाया गया है लेकिन इससे भी लाल जंग लगा पानी निकलता है। पानी में आयरन की मात्रा अधिक होने से बच्चों के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है।