गरियाबंद। जिले के झराबहाल गांव में पेयजल के इकलौते सोर्स को नेशनल हाईवे में हो रहे निर्माण कार्य के कारण बंद कर दिया गया है. ऐसे में ग्रामीणों को पानी की भारी समस्या हो रही है. आज दोपहर बाद 70 से ज्यादा महिलाओं ने निर्माणाधीन नेशनल हाईवे में खाली बर्तन लेकर जमकर हंगामा किया. दो घंटे तक महिलाएं प्रदर्शन करती रहीं. अब सरकारी दफ्तर खुलने का इंतजार है. प्रदर्शनकारियों ने सोमवार तक पानी का इंतजाम नहीं हुआ तो नेशनल हाईवे जाम करने की चेतावनी दी है. इस पर एसडीएम ने कहा जल्द ही वैकल्पिक व्यवस्था कराएंगे. Read More – कवर्धा में पूर्व CM पर बरसे मुख्यमंत्री साय, कहा- भूपेश को ऐसे हराना है कि राजनांदगांव की तरफ देख भी न सके…

दरअसल, उनके गांव के लिए 20 दिन पहले तक पीने की पानी की सप्लाई हो रही थी. सड़क निर्माण कार्य में मिट्टी पटाई शुरू हुई तो बोरवेल को बंद कर दिया गया. इसके बाद गांव में पेयजल संकट गहरा गया. महिला उर्मिला बाई, गायत्री और अन्य ने बताया कि झराबहाल के उपरपारा में रहने वाले 200 परिवार के लिए पीने का पानी इसी सोर्स से जाता था. गांव में एक सोलर पंप भी है, लेकिन वहां का पानी पीने और खाने में इस्तेमाल नहीं करते. पेयजल के लिए मेन रोड में मौजूद हैंडपंप पर ही सभी निर्भर हैं. जल स्रोत नीचे जाने से यह इकलौता हैंडपंप भी प्यास बुझाने में नाकाम साबित हो रहा है. दो घंटे के इस्तेमाल के बाद पंप सुख जाता है. दोपहर 3 बजे से लेकर रात 11 बजे तक घर की महिलाएं केवल पानी की जुगत में भिड़ी रहती हैं.

नाला सफाई में भी गड़बड़ी का आरोप

ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि गांव के नजदीक बहने वाले बेलाट नाले की सफाई पंचायत से कराया जाना था. इसके लिए मद भी आए, लेकिन निस्तारी घाट से लेकर अंतिम छोर तक फैले घास फूस सफाई की पोल खोल रहा है. ग्रामीणों ने कहा कि सफाई नहीं होने के कारण निस्तारी नहीं हो पाता. गंदा पानी से नहाने से खुजली की शिकायत है.

इस मामले में एसडीएम हितेश पिस्दा ने कहा कि वैकल्पिक व्यवस्था के बिना पेयजल बंद किया जाना गलत है. पीएचई से बात करता हूं,जल्द ही पेयजल व्यवस्था कराया जाएगा.