शुभम जायसवाल, राजगढ़। सालों तक सहकारिता विभाग में सेवा देने के बाद यदि आप रिटायर्ड होते है और आपकी जो भविष्य निधि (पीएफ) है उसको लेने के लिए जब ऑनलाइन आवेदन करेंगे तो वह स्वीकार नहीं किया जाता। इसके बाद ब्यावरा में बैठे कियोस्क सेंटर के दलाल से मिलते है। यहां पहुंचने के बाद कर्मचारी भविष्य निधि (पीएफ) की राशि के अनुसार कमीशन तय किया जाता है तब कही आगे बात बढ़ती है। बात सुनने में थोड़ी अजीब है।

मामले को लेकर लल्लूराम डॉट काम ने खुद मौके पर पहुंचा और जब दलाल से बात की तो पूरा मामला उजागर हुआ। बात शुरू होती है सीसीबी में बीते कुछ दिनों पहले रिटायर्ड हुए ब्यावरा ब्रांच के मैनेजर गोपाल कृष्ण मिश्रा की भविष्य निधि से। जिन्होंने इस राशि के लिए तीन बार आवेदन किया। हर बार यह आवेदन रिजेक्ट कर दिया गया। बैंक के ही एक कर्मचारी ने बताया कि जो पहले रिटायर्ड हो चुके कितना ही आवेदन कर ले। जब तक ब्यावरा के मुल्तानपुरा में संचालित होने वाले कियोस्क सेंटर के संचालक सुनील चंद्रवंशी से नहीं मिलेंगे, तब तक भुगतान नहीं होगा। कैमरे के साथ कियोस्क सेंटर पर पहुंचने पर हुआ जानें पूरा सच।

स्ट्रिंग ऑपरेशन

रिपोर्टर-भैया, अंकल का भुगतान कराना है। तीन बार आवेदन रिजेक्ट हो गया। आपका ही पता बताया गया। कियोस्क संचालक- कितने ही आवेदन कर दो। हर बार रिजेक्ट होगा। पैसा तो देना ही पड़ेगा। रिपोर्टर-कितना पैसा लगेगा। कियोस्क संचालक- पैसा कितना निकलना है। उस हिसाब से कमीशन तय होगा। रिपोर्टर- लगभग 32 लाख रुपए का भुगतान है। कियोस्क संचालक- 45 से 50 हजार रुपए लगेंगे। यदि तैयार हो तो मैं आगे बात करू। रिपोर्टर- थोड़ा कम कर लीजिए। यह तो ब्यावरा के ही रहने वाले है।

मुश्किल से हजार दो हजार रुपए बचते

कियोस्क संचालक- हमें तो मुश्किल से हजार दो हजार रुपए बचते है। बाकी सभी ग्वालियर भविष्य निधि कार्यालय में भेजने पड़ते है। रिपोर्टर-भैया, अधिकारी से हमारे बात करा दो। उनसे रिक्वेस्ट कर लेंगे। कियोस्क संचालक- हंसते हुए बोला वो सिर्फ हमसे ही बात करते है। वह भी रात में। रिपोर्टर- और कहीं से आवेदन हो सकता है। पैसा कम लगे जहां। कियोस्क संचालक- कितने ही घूम लो। दूसरे जगह से आवेदन करते रहो। कुछ भी गलती बताकर रिजेक्ट हो जाएगा। यह देख लो वर्ष 2021-22 के मामले अभी आए है। क्योंकि इन्होंने पहले मुझसे संपर्क नहीं किया था। अब 15 दिन में भुगतान करा दूंगा।

15 दिन के अंदर भुगतान

रिपोर्टर- इन्होंने कितने पैसे दिए। कियोस्क संचालक- फिर वही बात। जितना पैसा उस हिसाब से खर्च। कितने 10 लाख रुपए भुगतान है। 20 हजार रुपए लिए है। पूछ लो आप ही। रिपोर्टर- हम एक दो दिन में पैसों की व्यवस्था करके आ जाएंगे। कियोस्क संचालक- पैसा लाओगे या नहीं कन्फर्म बता दो। ताकि बात आगे करू। 15 दिन के अंदर भुगतान हो जाएगा। रिपोर्टर-कन्फर्म है। आप प्रोसेस आगे बढ़ाए।

जांच का विषय

सवाल आखिर ग्वालियर से किसके तार जुड़े है-इस पूरे मामले में एक नहीं बल्कि कही कर्मचारी ऐसे मिल चुके हैं। जिनका आवेदन बार-बार रिजेक्ट होता रहा। लेकिन जब वह सुनील से मिले तो उनका काम हो गया। लेकिन इसके बदले में कमीशन देना पड़ा। ऐसा कौन है जो ग्वालियर में सुनील के संपर्क में है और बार-बार पीएफ से जुड़े हुए आवेदन रिजेक्ट करता रहता है। यह भी जांच का विषय है और सहकारिता विभाग का कौन कर्मचारी ऐसा है जो सभी कर्मचारियों को रिटायर्ड होने के बाद सुनील का पता बताता है।

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