उत्तर प्रदेश को देश की राजनीति की धूरी माना जाता है. देश के सबसे अधिक जनसंख्या वाले इस राज्य ने अब तक 15 में से 9 प्रधानमंत्री दिए हैं.

स्वतंत्रता के बाद पहले देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु का संबंध उत्तर प्रदेश से है. जवाहर लाल नेहरु के नाम सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहने का रिकॉर्ड है.

जवाहर लाल नेहरू

देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद सीट का प्रतिनिधित्व किया था. पंडित जवाहर लाल नेहरु की निधन के बाद लाल बहादुर शास्त्री देश के प्रधानमंत्री बने.

लाल बहादुर शास्त्री

पंडित जवाहर लाल नेहरु की बेटी इंदिरा गांधी साल 1966 में पहली बार प्रधानमंत्री बनी. तब वह राज्यसभा की सदस्य थीं. हालांकि उनका पहला कार्यकाल केवल 14 महीने का रहा.

इंदिरा गांधी

मेरठ के रहने वाले चौधरी चरण सिंह देश के पांचवे प्रधानमंत्री बने. साल 1977 के लोकसभा चुनाव में चौधरी चरण सिंह ने भारतीय लोक दल पार्टी के टिकट पर उत्तर प्रदेश के बागपत सीट से जीत हासिल की और प्रधानमंत्री बने.

चौधरी चरण सिंह

देश के सातवें प्रधानमंत्री राजीव गांधी का कार्यकाल 31 अक्टूबर साल 1984 से लेकर 2 दिसंबर साल 1989 तक था. राजीव गांधी उत्तर प्रदेश के अमेठी सीट से सांसद चुने गए.

राजीव गांधी

वी.पी. सिंह राजीव गांधी के निधन के बाद देश के प्रधानमंत्री बने. वी.पी. सिंह 2 दिसंबर साल 1989 से लेकर 10 दिंसबर साल 1990 तक देश के प्रधानमंत्री रहे. वह उत्तर प्रदेश के फतेहपुर सीट से सांसद चुने गए थे.

वीपी सिंह

देश के 11वें प्रधानमंत्री चंद्रशेखर साल 1989 में उत्तर प्रदेश के बलिया लोकसभा सीट से चुनाव जीता था. उनका कार्यकाल 10 नवंबर साल 1990 से लेकर 21 जून साल 1991 तक रहा.

चंद्रशेखर

अटल बिहारी वाजपेयी को दो बार प्रधानमंत्री बनने का मौका मिला. पहली बार वह साल 1996 में प्रधानमंत्री बने. हालांकि वह केवल 13 दिनों प्रधानमंत्री बनें. लखनऊ लोकसभा सीट से सांसद चुने गए.

अटल बिहारी वाजपेयी

2014 के चुनाव में नरेंद्र मोदी ने वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़े. जहां से चुनाव जीत कर पीएम बने. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी दोबारा वाराणसी से सांसद चुने गए.  

नरेंद्र मोदी