भूपेंद्र सिंह चौहान, रायगढ़. आशीष देवांगन रायगढ़ जनपद पंचायत में सीईओ के पद पर हैं. इन्हें विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र, शकरबोगा चौक के महापल्ली गांव में जांच चौकी, जो चुनाव के लिए अस्थायी तौर पर बनाई गयीं है वहां का प्रभार दिया गया है. जबकि यह चौकी चुनावी समय में सेंसेटिव माना जाता है. यहां से उड़ीसा, छत्तीसगढ़ की सीमा का फासला कम है इसी के तहत जिला प्रशासन ने यहां जांच चौकी लगाई है यहां से गुजरने वाले वाहनों को इस अधिकारी के द्वारा अपने कर्मचारियों से चेकिंग कर जाने दिया जाता है.

आज शाम रायगढ़ से महापल्ली आलू लेकर जा रहे पीकप वाहन जो बिना रजिस्ट्रेशन नम्बर को, इनके द्वारा रोक कर वाहन चालक के पास रखे 57 हजार के बारे में पूछताछ कर जानें दिया था. वहां मौजूद पत्रकार शेषचरण ने पूछा की आप वाहन चालक के रूपए को जब्त क्यों नहीं किया. इस पर सीईओ साहब भड़क गए और अपने कर्मचारी को पत्रकार शेषचरण का ही वीडियो बनाकर एफआईआर दर्ज करने को कहा, चूकि इस अधिकारी की चोरी पकड़ी जाने से मरता- क्या-न-करता की स्थिति बन गई.

पीड़ित पत्रकार

इस जांच के दौरान कई दिनों से अनियमितताओं का पता चलने से रायगढ़ के पत्रकार शेष चरण गुप्ता निजी चैनल के लिए वीडियोग्राफी कर रहे थे तभी आशीष देवांगन ने बदतमीजी की और इनसे इनका प्रेस में होने का सबूत मांगा, जब शेष चरण गुप्ता ने कहा कि हमें तो परिचय पत्र नहीं मिला है यदि आपको शंका है तो, रायगढ़ पीआरओ से फोन कर पूछ सकते हैं फिर भी इस अधिकारी ने नहीं माना और बदतमीजी करते रहे. जिसका रायगढ़ के पत्रकारों ने अपर कलेक्टर श्री दीवान से इनकी लिखित शिकायत की है और इन पर कार्यवाही की मांग की है.

लाल घेरे में सीओ

वैसे तो आशीष देवांगन हमेशा विवादों में रहते हैं विवादों से इनका पुराना नाता है, ग्राम पंचायत की मिटिंग के दौरान सचिव को गंदी गंदी गाली देना. ऐसे कई गंभीर आरोप लग चुके हैं फिर भी जिला प्रशासन की मौन यह तो समझ से परे है. इसी अस्थायी बैरियर में कुछ दिन पूर्व 40 बोरा महुआ पकड़ने की चर्चा थी जिसे वैध कागजात होना बताया गया था, जबकि कुछ निवासी इस बात से असहमति रखतें हैं. इनके कार्यकाल में जनपद के कई सचिव हैं जिनको इन्होंने निलंबित किया है. उन सचिवों को जिला प्रशासन द्वारा कमेटी बनाकर जांच की जाए तो इनके बारे में पुख्ता सबूत मिल सकते हैं अब देखना यह है कि जिला प्रशासन इस अधिकारी पर आगे क्या कार्रवाई करती है.