कोरबा। कोरबा छत्तीसगढ़ का महत्वपूर्ण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है. 2002 में गठित भारत के परिसीमन आयोग की सिफारिशों के बाद 2008 में जांजगीर लोकसभा क्षेत्र से अलग होकर यह संसदीय क्षेत्र अस्तित्व में आया. यहां पर 2009 में पहली बार लोकसभा चुनाव के लिए मतदान हुआ. इसे भी पढ़ें : LOKSABHA विशेष : छत्तीसगढ़ में बीजेपी से 3 नए चेहरे …. 8 में मंत्री, सांसद सहित 5 पूर्व विधायक खड़े … जानिए कहां कमजोर, कहां भारी पड़े ….

कोरबा की पहचान एशिया के सबसे बड़े खुले कोयला खदान गेवरा माइंस की वजह से भी है. यहां पर राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी और एनटीपीसी के अलावा कई निजी कंपनियों के विद्युत संयंत्र हैं. यहां भारत का सबसे बड़ा एल्युमिनियम संयंत्र भारत एल्युमिनियम कंपनी बालको भी है. यहां पर सतरेंगा पहाड़ और झील को देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं.

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कोरबा लोकसभा सीट पर करीब 13,40,544 लाख वोटर्स हैं. इनमें से 6,74,000 लाख पुरुष मतदाता हैं, जबकि 6,66,504 महिला वोटर्स हैं. जांजगीर लोकसभा क्षेत्र में बहुजन समाज पार्टी का अपना वर्चस्व हुआ करता था, आज भी बहुजन समाज के बड़ी संख्या में मतदाता है, लेकिन कोरबा के अलग से अस्तित्व में आने के बाद से राजनीतिक लड़ाई केवल कांग्रेस और भाजपा के बीच ही रह गई है.

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2019 में ज्योत्सना ने लिया पति का बदला

वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी ज्योत्सना महंत को 5,23,310 (46 प्रतिशत) मत मिले थे, वहीं भाजपा प्रत्याशी ज्योति नंद दुबे को 4,97,061 मत मिले थे. इस तरह से कांटे के टक्कर में ज्योत्सना महंत महज 2.3 प्रतिशत मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी. चुनाव में गोडवाना गणतंत्र पार्टी (GGP) को 37,417 मत मिले थे, वहीं नोटा में 19.305 मत पड़े थे.

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महज 0.4 प्रतिशत से हारे चरणदास महंत

इसके पहले वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो भाजपा के डॉ. बंशीलाल महतो ने कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. चरणदास महंत को महज 0.4 प्रतिशत मतों के अंतर से पराजित किया था. डॉ. महतो को 4,39,002 (41.7 प्रतिशत) मत पड़े थे. वहीं चरणदास महंत को 4,34,737 मत मिले थे. इस चुनाव में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने कांग्रेस का खेल बिगाडा था, जिसके प्रत्याशी हीरासिंह मरकाम को 52,753 मत पड़े थे.

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बाजपेयी की भतीजी हार गईं चुनाव

वर्ष 2009 के चुनाव में 18 प्रत्याशियों ने इस सीट से भाग्य आजमाया। सात लाख 45 हजार 612 मतदाताओं ने मतदान किया. कांग्रेस के प्रत्याशी डॉ चरण दास महंत को तीन लाख 14 हजार 616 वोट मिले. भाजपा की प्रत्याशी करुणा शुक्ला को दो लाख 93 हजार 879 वोट मिले और 20737 वोट से हार गईं। उन्हें कुल मत का 23.02 प्रतिशत मत मिला. इस चुनाव में केवल करुणा शुक्ला ही जमानत बचा पाई. शेष 16 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई.