CG : साल में एक ही दिन होते हैं माता चंडी के चरणों के दर्शन 

छत्तीसगढ़ का आरंग पौराणिक व धार्मिक नगरी है, जिसकी चारों दिशाओं में आदि शक्ति माताएं विराजमान हैं.

इनमें से एक हैं बागेश्वर पारा आरंग में स्थित माता चंडी. इनकी महिमा निराली है.

यहां वर्षभर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. जन आस्था है कि माता के दर पर जो भी श्रद्धालु पहुंचते हैं, माता चंडी उनकी कामना अवश्य पूरी करती है.

मंदिर के पुजारी बताते हैं गर्भगृह में विराजमान माता की प्रतिमा काले पत्थरों से निर्मित महिषासुर मर्दिनी दुर्गा रूप में हैं.

वहीं उनकी दायीं ओर महालक्ष्मी और बायीं ओर मां सरस्वती हैं. तीनों प्रतिमाएं एक ही शिला में निर्मित हैं.

माता महिषासुर मर्दिनी की प्रतिमा अष्टभुजीय है. जो हाथों में त्रिशूल, तलवार, ढाल, गदा, शंख और कमल धारण की हुई हैं.

वहीं मंदिर के मंडप में काले पत्थरों से निर्मित माता चंडी और जैन तीर्थंकर की प्राचीन प्रतिमाएं विद्यमान हैं. भगवान विष्णु की प्राचीन प्रतिमा भी स्थापित है.

यहां दोनों ही नवरात्र में सप्तमी को कालरात्रि काली के रूप में माता का आकर्षक श्रृंगार किया जाता है.

वहीं वर्ष में एक दिन महाशिवरात्रि के अवसर पर माता के चरणों के दर्शन होते हैं.