कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। हाईकोर्ट ग्वालियर के आदेश पर एकबार फिर स्वर्ण रेखा नदी में मिलने वाले नालों के पानी की टेस्टिंग हुई है। टेस्टिंग मामले से जुड़ी याचिका के दोनों पक्ष निगम अधिकारियों और याचिकाकर्ता अवधेश सिंह तोमर के द्वारा कराई गयी। कुलदीप नर्सरी से स्वर्ण रेखा नदी में जाने वाले पानी की सैंपलिंग कराई गई। दोनों पक्षों के पानी के सैंपल की जांच रिपोर्ट को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
स्वर्ण रेखा नदी मामले में याचिका की सुनवाई के दौरान एडवोकेट अवधेश ने कोर्ट को बताया कि निगम दावा कर रही है कि नदी को पुनर्जीवित किया जा रहा है। कोर्ट के आदेश के विपरीत नदी में आसपास के नालों को जोड़ा जा रहा है। निगम ने कोर्ट को बताया था कि स्वर्ण रेखा नदी में जो नाले जोड़े गए है, उनमें सीवर का पानी नहीं बल्कि विवेकानंद नीड़म के जंगलों से स्टॉर्म वाटर आ रहा है। कोर्ट ने निर्देश दिए थे कि वहां के नालों के पानी की टेस्टिंग कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जाए। पक्षकार की पानी सैंपलिंग की रिपोर्ट में सीवर का पानी होना सिद्ध हुआ है। निगम ने इस रिपोर्ट पर आपत्ति दर्ज कराई और कहा कि दोनों पक्षों की मौजूदगी में ही सैंपलिंग होनी चाहिए। शनिवार को सैंपलिंग की प्रक्रिया पूरी हुई। दोनों पक्षों के सैम्पल रिपोर्ट को 15 अप्रैल को पेश किया जाएगा।
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