कमल वर्मा, ग्वालियर। डॉक्टर को धरती पर भगवान की तरह माना जाता है। लेकिन मेडिकल की लापरवाही की वजह से कई बार मरीज की मौत हो जाती है। ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के ग्वालियर से सामने आया है। जहां एक झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही से एक शख्स की मौत हो गई। बताया गया कि पीड़ित मरीज को पैरालिसिस की बीमारी थी।
यह पूरा मामला ग्वालियर के थाटीपुर थाना क्षेत्र का है। जहां रहने वाले नेमीचंद वर्मा की झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही के कारण इलाज के दौरान मौत हो गईं। 23 मार्च को पैरालिसिस से पीड़ित मरीज नेमीचंद वर्मा अपने इलाज के लिए थाटीपुर इलाके में एक क्लीनिक के डॉक्टर अजय मौर्य के पास गए थे, लेकिन तबीयत बिगड़ने के बाद डॉ अजय मौर्य ने मरीज को गोला का मंदिर स्थित एक निजी अस्पताल में भेज दिया, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
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मरीज नेमीचंद वर्मा की मौत होने के बाद आक्रोशित परिजनों ने थाटीपुर चौराहे पर शव रखकर चक्का जाम कर आरोपी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। जिसके बाद पुलिस की जांच में डॉ अजय मौर्य की लापरवाही पाई गई। इस झोलाछाप डॉक्टर के पास न तो कोई रजिस्ट्रेशन, न ही इलाज के लिए जरूरी कोई मेडिकल सर्टिफिकेट और न ही कोई डिग्री थी। फिलहाल थाटीपुर थाना पुलिस ने जांच के बाद डॉ. अजय मौर्य और कम्पाउन्डर कमल वर्मा के खिलाफ मामला दर्ज कर आरोपी डॉक्टर की तलाश शुरू कर दी है।
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