हिंदू धर्म में पूजा-पाठ करने का विशेष महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि पूजा के दौरान अपने ईष्टदेव को उनके प्रिय पुष्प अर्पित करने से व्यक्ति की सभी मनोकामना पूरी हो सकती है। वहीं पुष्प के साथ उन्हें भोग भी चढ़ाया जाता है। इससे सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति हो सकती है। अब ऐसे में पूजा के दौरान देवी-देवताओं को फूल पानी से धोकर अर्पित करना चाहिए या नहीं।साथ ही भगवान को फूल चढ़ाने के सम्बंध में और कौन कौन से नियम है आज हम आपको इसी के बारे में बताएंगे।
देवी-देवताओं को फूल धोकर न चढ़ाएं
कई लोग पूजा के दौरान भगवान को फूल धोकर अर्पित करते हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए है। अगर आप अपने आराध्य को पुष्प अर्पित कर रहे हैं, तो उन्हें सीधे तोड़कर अर्पित करें। इससे शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है।
धुले पुष्प जलदेव को होते हैं समर्पित
ऐसा कहा जाता है कि अगर आप पुष्प धोकर देवी-देवताओं को अर्पित करते हैं, तो इससे पहले वह फूल जलदेव को अर्पित हो चूके होते हैं। इसलिए अर्पित किए फूल को कभी देवी-देवता को अर्पित नहीं करना चाहिए। इससे देवी-देवता नाराज हो सकते हैं।
ब्रह्म मुहूर्त में देवी-देवताओं के लिए तोड़े पुष्प
अगर आप भगवान को चढ़ाने के लिए फूल तोड़ रहे हैं, तो ब्रह्म मुहूर्त का समय बेहद शुभ माना जाता है। इससे शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है और देवी-देवता भी बेहद प्रसन्न होते हैं। इसलिए ब्रह्म मुहूर्त में फूल तोड़ सकते हैं।
भगवान को फूल अर्पित करने के नियम
अगर आप देवी-देवता को फूल अर्पित कर रहे हैं, तो इस बात का ध्यान रखें कि स्नान करने के बाद पुष्प तोड़े और फिर सीधे भगवान को अर्पित करें। पश्चात भगवान को भोग लगाएं और नियमित पूजा-पाठ करें। इससे उत्तम फलों की प्राप्ति हो सकती है।
संध्या के समय तोड़े फूल भगवान को न चढ़ाएं
कुछ लोग पूजा में अर्पित करने के फूलों को एक दिन पहले ही तोड़ लेते हैं, लेकिन ऐसा करने से बचना चाहिए। क्योंकि वह फूल बासी हो जाते हैं। इसलिए जब भी आप भगवान की पूजा कर रहे हैं, तो तुरंत तोड़ें और उन्हें अर्पित करें। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि अगर आप पुष्प तोड़ रहे हैं, तो पेड़-पौधों से माफी जरूर मांग लें। उसके बाद ही तोड़ें। इसस देवी-देवता बेहद प्रसन्न होते हैं।
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