स्पेशल डेस्क, भोपाल। Lok Sabha Election First Phase: मध्य प्रदेश में आज पहले चरण का मतदान जारी है जिसके बाद प्रत्याशी से लेकर सभी दलों के नेता 4 जून का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। आज प्रदेश की 6 सीटों के प्रत्याशियों के भविष्य का फैसला करने के लिए मतदाता सुबह से वोटिंग कर रहे हैं। आज जिन सीटों पर मतदान हो रहा है उनमें से एक शहडोल सीट भी सबसे खास है जिसे जीतने के लिए कांग्रेस एड़ी चोटी का जोर लगा रही है। इस लोकसभा सीट से जहां बीजेपी प्रत्याशी हिमाद्री सिंह मैदान में हैं, वहीं कांग्रेस से फुंदेलाल मार्को पर कांग्रेस ने भरोसा जताया है।  

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मध्य प्रदेश के शहडोल संसदीय क्षेत्र में चार जिलों शहडोल,अनूपपुर,उमरिया और कटनी की आठ विधानसभाएं शामिल है। 7 आदिवासी बाहुल्य सीटें हैं और एक सामान्य है। इनमें से एक पर कांग्रेस है, बाकी पर भाजपा के विधायक है। लोकसभा के 10 प्रत्याशियों में 8 अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ क्षेत्र के हैं। दो बड़े दल भाजपा-कांग्रेस जिनके बीच हमेशा से मुकालबा होता आ रहा है, उनके प्रत्याशी पुष्पराजगढ़ के ही है। इतना ही नहीं अधिकतर सांसद भी इसी क्षेत्र से बने हैं। इसके बाद भी पुष्पराजगढ़ क्षेत्र के पहाड़ों के बीच रहने वाले आदिवासी बिजली,पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए परेशान है। 2019 के चुनाव में भाजपा से हिमाद्री सिंह सांसद बनी थी। इस बार भी वहीं मैदान में हैं। जबकि कांग्रेस ने तीन बार के विधायक फुंदेलाल सिंह को मैदान में उतारा है। 

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क्या है शहडोल का गणित

यहां की 79.25 फीसदी आबादी ग्रामीण क्षेत्र और 20.75 फीसदी आबादी शहरी है। 44.76 अनुसूचित जनजाति और 9.35 अनुसूचित जाति के लोग हैं। वोटरों के संख्या की बात करें तो संसदीय क्षेत्र-12 शहडोल में कुल 17 लाख 74 हजार 484 मतदाता हैं। 8 लाख 99 हजार 911 पुरुष, 8 लाख 74 हजार 553 महिला और 20 अन्य मतदाता हैं। शहडोल संसदीय क्षेत्र में कुल 2 हजार 199 मतदान केंद्र बनाए गए हैं।

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अभी तक के सांसद

शहडोल संसदीय क्षेत्र के पहले सांसद – रिपु दमन सिंह रहे

1962 बुद्धू सिंहसोशलिस्ट
1967गिरजा कुमारीकांग्रेस
1971 धन सिंहकांग्रेस
1977दलपत सिंह परस्तेभारतीय लोक दल
1980 दलवीर सिहकांग्रेस
1984 दलवीर सिहकांग्रेस
1989 दलपत सिंह परस्तेजनता दल
1990दलपत सिंह जनता दल
1991 दलवीर सिहकांग्रेस
1996 ज्ञान सिंहबीजेपी
1998  ज्ञान सिंहबीजेपी
1999 दलपत सिंहबीजेपी
2004 दलपत सिंहबीजेपी
2009 राजेश नंदिनीकांग्रेस
2014 दलपत सिंहबीजेपी
2016ज्ञान सिंह बीजेपी (उप चुनाव)
2019 हिमाद्री सिंहबीजेपी

शहडोल लोकसभा सीट में आती है इतनी विधानसभा

शहडोल मध्य भारत में मध्य प्रदेश राज्य के 29 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। यह निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है। इसमें संपूर्ण अनूपपुर और उमरिया जिले और शहडोल और कटनी जिले के कुछ हिस्से शामिल हैं। संसदीय क्षेत्र में आने वाले विधानसभा क्षेत्रों में शहडोल जिले का 84-जयसिंहनगर (अजजा), 85-जैतपुर (अजजा), अनूपपुर जिले का 86-कोतमा (अजजा), 87-अनूपपुर (अजजा), 88-पुष्पराजगढ़ (अजजा), 89-बांधवगढ़ (अजजा) और 90-मानपुर (अजजा) तथा कटनी जिले का 91-बड़वारा (अजजा) शामिल  शामिल हैं।

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शहडोल में बेजेपी-कांग्रेस दोनो पड़ोसी उम्मीदवार आमने सामने

शहडोल संसदीय क्षेत्र में इस बार भी पुष्पराजगढ़ से ही दोनों बड़े दल भाजपा-कांग्रेस ने अपने-अपने उम्मीदवार उतारे हैं। भाजपा ने सांसद हिमाद्री सिंह को लगातार दूसरी बार चुनावी मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने साख बचाने के लिए पुष्पराजगढ़ विधायक फुंदेलाल सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है। पिछले 2019 के चुनाव में कांग्रेस ने उम्मीदवार का चयन दूसरे क्षेत्र से पूर्व भाजपा विधायक प्रमिला सिंह के रूप में उतारा था, लेकिन उन्हें जीत नहीं मिली। प्रमिला सिंह ने भाजपा से बगावत कर कांग्रेस से लोकसभा चुनाव लड़ा था लेकिन मोदी लहर में उन्हें हिमाद्री सिंह से हार का सामना करना पड़ा था।

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पिछले चुनाव में  4.5 लाख वोट के ज्यादा अंतर से अपनी जीत कराई थी दर्ज

हिमाद्री सिंह को शिक्षित युवा महिला नेत्री होने का बड़ा फायदा मिला है। निर्विवाद छवि के साथ साथ रायशुमारी में भी हिमाद्री का नाम सबसे पहले था। पिछले चुनाव हिमाद्री ने 4.5 लाख वोट के ज्यादा अंतर से अपनी जीत दर्ज की थी। उन्होंने काफी प्रयास कर शहडोल से नागपुर तक की ट्रेन चलवाई, पासपोर्ट ऑफिस समेत कई काम कराए, जिससे क्षेत्र के लोगों को काफी फायदा हुआ है। हिमाद्री सिंह का पूरा परिवार कांग्रेसी था। उनके पिता दलवीर सिंह कांग्रेस से सांसद रहते हुए केंद्र सरकार में दो बार मंत्री रहे। उनकी मां राजेश नंदिनी भी कांग्रेस से सांसद रही हैं।

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जातिगत समीकरण

शहडोल लोकसभा सीट आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित है। क्षेत्र में आदिवासियों के साथ अनुसूचित जाति वर्ग के मतदाताओं की तादाद भी आधे से ज्यादा है। 2011 की जनगणना के मुताबिक शहडोल क्षेत्र के तहत 44.76 फीसदी आबादी आदिवासी वर्ग की है। इसके साथ क्षेत्र में 9.35 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति वर्ग की है। इन दोनों वर्गों के मतदाता भाजपा-कांग्रेस में बांटते हैं लेकिन ज्यादा भाजपा के पक्ष में ही जाते हैं। आदिवासी वर्ग का कुछ वोट गोंगपा भी ले जाती है। इसके बाद क्षेत्र में पिछड़े वर्ग के मतदाताओं की तादाद 30 फीसदी के आसपास है। यह वर्ग ज्यादा तादाद में भाजपा के पक्ष में ही जाता है। कांग्रेस को पिछड़ों के साथ कुछ सवर्णों का वोट मिलता है।

कांग्रेस प्रत्याशी फुन्देलाल सिंह मार्को का इतिहास

1984-84:- छात्र अध्यक्ष चुना गया, कॉलेज पुष्पराजगढ़। 

1985-87:- उपाध्यक्ष, युवा कांग्रेस पुष्पराजगढ़।

1987-93:- जनजातीय विभाग द्वारा शासित एचएस स्कूल राजेंद्रग्राम में सहायक शिक्षक।

1994-99:- जिला पंचायत शहडोल, जिला-शहडोल के सदस्य निर्वाचित।

1999-04:- जिला पंचायत शहडोल के सदस्य एवं उपाध्यक्ष निर्वाचित।

2000-01:- अध्यक्ष ब्लॉक कांग्रेस कमेटी पुष्पराजगढ़।

2001-04:- अध्यक्ष मप्र आदिवासी विकास परिषद जिला-शहडोल।

2004-08:- जिला पंचायत अनूपपुर, जिला-अनूपपुर के सदस्य निर्वाचित।

2007-10:-पुष्पराजगढ़ मनरेगा के ब्लॉक प्रभारी।

2012-13:-महामंत्री मप्र आदिवासी विकास परिषद भोपाल।

2004 से निरंतर:- अध्यक्ष मप्र आदिवासी विकास परिषद जिला-अनूपपुर

2007 से आगे:- उपाध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी अनूपपुर।

2007 से आगे:-पुष्पराजगढ़ विधानसभा में कांग्रेस पार्टी के प्रभारी।

2013-18:- विधायक पुष्पराजगढ़ विधानसभा।

2018- :- विधायक पुष्पराजगढ़ विधानसभा।

2023:  विधायक पुष्पराजगढ़

बेरोजगारी मुख्य मुद्दा

8 विधानसभा वाली शहडोल संसदीय क्षेत्र में बेरोजगारी मुख्य मुद्दा है। रोजगार की तलाश में आज भी ग्रामीण क्षेत्र से आदिवासी वर्ग के लोग रोजगार की तलाश में परिवार सहित परदेस पलायन कर रहे है। विकास के नाम पर आज भी  ऐसे कई गांव है, जहां आजादी की 75 साल बीत जाने के बाद भी बिजली को लोग तरस रहे। 

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