चित्रकोट विधानसभा सीट– चित्रकोट विधानसभा सीट एक अनुसुचित जनजाति वाली सीट है. इसे पहले केशलूर विधानसभा के नाम से जाना जाता था. 2008 में परीसीमन के बाद इसे चित्रकोट नाम दिया गया. इस सीट पर फिलहाल कांग्रेस का कब्जा है. कांग्रेस के दीपक बैज ने इस सीट पर पहली बार कांग्रेस का खाता खोला था. इससे पहले 2003 और 2008 में चित्रकोट सीट पर बीजेपी के विधायक चुने गए थे. लिहाजा अपनी सीट पर वापस काबिज़ होने के लिए बीजेपी अपना पूरा जोर लगा रही है.

कौन कौन से प्रत्याशी हैं मैदान में-

कांग्रेस- दीपक बैज

बीजेपी- लच्छुराम कश्यप

जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी- टंकेश्वर भारद्वाज

आम आदमी पार्टी- दांतीराम पोयाम

प्रत्याशियों की शैक्षणिक योग्यता- 

दीपक बैज- एमए

लच्छुराम कश्यप- एमए इतिहास

टंकेश्वर भारद्वाज- हायर सेकंडरी

दांतीराम पोयाम- 12 वीं

2013 विधानसभा चुनाव, एसटी सीट

दीपक बैज, कांग्रेस, कुल वोट मिले 50303

बैदुराम कश्यप, बीजेपी, कुल वोट मिले 37974

क्या हैं जनता के स्थानीय मुद्दे-

1. नक्सलवाद की समस्या- यह क्षेत्र नक्सलवाद की समस्या से आज भी जूझ रहा है. ग्रामीण नक्सली आतंक से परेशान हैं.

2. शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरी की मांग– शिक्षा के नाम पर तोकापाल में महाविद्यालय हैं, वहीं बास्तानार और दरभा के क्षेत्र में शिक्षा का स्तर काफी नीचे है.

3. स्वास्थ्य सेवाओं को दुरूस्त करने की मांग– शिक्षा की ही तरह बास्तानार और दरभा में स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल है.

4. पहुंच विहिन गांवो को मुख्य धारा से जोड़ना– ग्रामीण अंचल का पहुंच मार्ग पूरी तरह से जर्जर है. हालात एेसे हैं कि अस्पताल पहुंचना हो तो खराब सड़कों की वजह से लंबा समय लग जाता है. बिनता घाटी के कई क्षेत्र हैं जहां पहुंचना आज भी मुश्किल है.

5. बिजली और पानी की व्यवस्था की मांग– बस्तर के अंदरूनी इलाकों में आज भी एेसे गांव हैं. जहां मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं. ये गांव बिजली और पानी की सुविधा से कोसो दूर हैं.

6. जमीन वापसी की मांग-  टाटा ने यहां स्टिल प्लांट बनाने के लिए 10 गांवो के किसानों से करीब 2044 हेक्टेयर की जमीन अधिकृत की थी. लगातार हो रहे विवाद के चलते 2016 में टाटा ने यहां प्लांट खोलने से इंकार कर दिया. तब से किसान अपनी जमीन वापस करने की गुहार लगा रहे हैं.

7. बेरोजगारी का मुद्दा- पढ़ार क्षेत्र होने की वजह से यहां खेती कमोबेश अन्य जगहों से कम होती है. लोग ज्यादा पढ़े लिखे भी नहीं है लिहाजा अपना और परिवार का पेट पालना आदिवासियों के लिए बड़ी चुनौती है.

क्या कहता है चुनावी समीकरण-

बीजेपी- छत्तीसगढ़ निर्माण के बाद से ही केशलूर( चित्रकोट) विधानसभा सीट पर भाजपा अपना कमल खिलाती आई है. 2003 और 2008 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी लच्छुराम कश्यप ने तो 2008 में बैदुराम कश्यप ने अपनी जीत दर्ज की थी. लिहाजा बीजेपी ने एक बार फिर अपने पुराने प्रत्याशी पर भरोसा जताया है और वापस लच्छुराम को इस सीट से टिकट दिया है.

कांग्रेस- कांग्रेस का अगर बात की जाए तो 2013 के विधानसभा चुनाव ने बीजेपी के गढ़ पर अपना पंजा जमाया था. दीपक बैज ने बैदुराम कश्यप को भारी मतों से हराया था. इसलिए कांग्रेस को दीपक बैज पर पूरा भरोसा है, कि वे एक बार फिर बीजेपी को पटखनी जरूर देंगे. साथ ही जनता के रूझान की अगर बात करें तो जनता के बीच दीपक बैज की छवि अच्छी है, और क्षेत्र में इनकी लोकप्रियता भी काफी है. लिहाजा जनता इन्हे वोट देने के मूड में दिख रही है.

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मुकाबले में क्या कांग्रेस एक बार फिर अपनी सत्ता बचाने में कामयाब होगी या फिर बीजेपी वापस सीट पर अपनी जीत दर्ज करेगी या फिर आम आदमी पार्टी और जनता कांग्रेस जोगी वोट काटने में सफल होगें.