भानुप्रतापुर- भानुप्रतापुर कांकेर विधानसभा की सबसे महत्वपूर्ण सीट मानी जाती है. भानुप्रतापुर क्षेत्र के वनाच्छादित होने की वजह से यहां लकड़ी, तेंदुपत्ता और बांस की पैदावार भी प्रचुर मात्रा में होती है. यहां की जनता कृषि मजदूरी के साथ वनोपज पर निर्भर है. चारामा को छोड़कर इस विधानसभा क्षेत्र के लगभग हर गांव नक्सल प्रभावित हैं. भानुप्रतापुर को बीजेपी का गढ़ माना जाता है. 2003 और 2008 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने यहां से जीत का परचम लहराया था. तो वहीं 2013 का विधानसभा चुनाव जीतकर इस सीट पर कांग्रेस की नींव रखी.

कौन कौन है मैदान में-

कांग्रेस- मनोज मंडावी

बीजेपी- देवलाल दुग्गा

आम आदमी पार्टी- कोमल सिंह हुपेंडी

जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी- मानक दरपट्टी

प्रत्याशियों की शैक्षणिक योग्यता-

मनोज मंडावी- बीए, एमए

देवलाल दुग्गा- बीए

कोमल सिंह हुपेंडी- एमए

मानक दरपट्टी- 10वीं

मतदाता-

कुल मतदाता-190168

पुरूष मतदाता- 92661

महिला मतदाता- 97505

अन्य-2

2013 विधानसभा चुनाव, एसटी सीट

मनोज मांडवी, कांग्रेस कुल वोट मिले 64837

सतीश लतिया, बीजेपी, कुल वोट मिले 49941

क्या हैं जनता के मुद्दे- 

भानुप्रतापुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र हैं यहां नक्सली गतिविधियों के चलते विकास के कार्य सुचारू रूप से नहीं हो पाते. साथ ही नक्सली विकास कार्यों में भी बाधा डालते हैं, जिसके चलते इस क्षेत्र में विकास की धारा बहुत धीमी है. इसके अलावा क्षेत्र में एेसे कई मुद्दे हैं, जिनपर काम किया जाना बेहद जरूरी है. स्वस्थ्य सुविधाओं की बदहाली, कृषि बीमा का मुआवजा ना मिलना, बैंक में नगदी की कमी, कोटरी नदी में पुल का ना बन पाना इस बार अहम चुनावी मुद्दे हैं.

क्या कहता है चुनावी समीकरण-

कांग्रेस- कांग्रेस ने यहां से अपने विजयी प्रत्याशी मनोज मंडावी को एक बार फिर टिकट दिया है. मनोज मंडावी ने इस सीट से 2013 का विधानसभा चुनाव जीता था. इसलिए कांग्रेस ने अपने पुराने प्रत्याशी पर ही भरोसा जताया है. माना जाता है कि जनता के बीच इनकी छवि को देखते हुए ही कांग्रेस ने मनोज के दूबारा टिकट दिया है. आपको बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने बहुत ही कम प्रत्याशियों को दूबारा टिकट दिया है. गौरतलब है कि मनोज मंडावी इस सीट पर दो बार हार का सामना कर चुके हैं. लेकिन इस सीट पर फिलहाल मनोज मंडावी काफी मजबूत दिखाई दे रहे हैं.

बीजेपी- वहीं बीजेपी की अगर बात की जाए तो बीजेपी ने 2003 विधानसभा चुनाव के विजयी प्रत्याशी देवलाल दुग्गा को टिकट दिया है. देवलाल दुग्गा की आदिवासियों के बीच पकड़ मजबूत है और ये जमीन से जुड़े हुए नेता रहे हैं. इसलिए बीजेपी ने इन पर एक बार फिर से भरोसा किया है. इस सीट पर लगातार दो विधानसभा चुनाव जीत चुकी बीजेपी अपनी सीट को कांग्रेस के पंजे से छुड़ाना चाहती है इसलिए सीट पर वापसी के लिए बीजेपी अपना पूरा जोर लगा रही है.

आम आदमी पार्टी- आम आदमी पार्टी की अगर बात की जाए तो शासकीय नौकरी से राजनीति में शामिल हुए कोमल सिंह हुपेंडी को टिकट दिया गया है. इनकी भी ग्रामीण इलाकों में पकड़ काफी मजबूत मानी जाती है. जो अन्य पार्टियों के वोटों के गणित को गड़बड़ा सकती है.

जनता कांग्रेस छत्तासगढ़ जोगी- जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी ने मानक दरपट्टी को टिकट दिया है. आपको बता दें कि मानक दरपट्टी कांग्रेस पार्टी की सियासत संभालते आए हैं. ये कांग्रेस जिला पंचायत के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. मानक दरपट्टी ने कांग्रेस के एक बड़े समर्थक दल के साथ जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी का दामन थाम लिया. इस चुनाव में मानक दरपट्टी कहीं ना कहीं कांग्रेस का सियासी समीकरण बिगाड़ सकते हैं क्योंकि भानुप्रतापुर में इनके समर्थकों की संख्या कम नहीं है.

भानुप्रतापुर का चुनावी घमासान दिलचस्प है क्योंकि बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के प्रत्याशी एक-एक बार इस सीट पर अपनी जीत दर्ज करा चुके है. किस पार्टी का दांव जनता पर कितना सटीक बैठेगा ये तो परिणाम ही बता पाएंगे.