कटक। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ओडिशा ग्रामीण आवास विकास निगम (ORHDC) ऋण धोखाधड़ी मामले में वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोहम्मद मोकिम को जमानत दे दी. यह घटनाक्रम मोकिम के साथ-साथ ओडिशा कांग्रेस के लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पार्टी ने अभी तक प्रतिष्ठित बारबाटी-कटक सीट के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है, जिसे मोकिम ने पिछले चुनाव में बीजद के दिग्गज देबाशीष सामंत्रे को हराकर जीता था.
ओडिशा उच्च न्यायालय द्वारा कटक-बारबाटी निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस विधायक की सजा को बरकरार रखने के बाद मोकिम ने पहले सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. विशेष न्यायाधीश (सतर्कता), भुवनेश्वर ने ओआरएचडीसी मामले में मोकिम को तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए कांग्रेस नेता की याचिका भी स्वीकार कर ली है और मामले में ओडिशा विजिलेंस को नोटिस जारी किया गया है.
क्या मोकिम 2024 का चुनाव लड़ सकते हैं?
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोहम्मद मोकिम के अगले कदम को लेकर अटकलें तेज हो गई है कि क्या वह आगामी 2024 का चुनाव लड़ सकते हैं. हालांकि शीर्ष अदालत ने जमानत दे दी है, लेकिन इस पर कोई स्पष्टता नहीं है कि वह 2024 का चुनाव लड़ सकते हैं या नहीं.
मोकिम के वकील पीतांबर आचार्य ने कहा, मोहम्मद मोकिम ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी. शीर्ष अदालत ने 3 साल की जेल की सजा पर रोक लगाने के आदेश के साथ एसएलपी को स्वीकार कर लिया. हमने विजिलेंस के प्रस्तुत तथ्यात्मक साक्ष्यों में अनियमितताओं का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था और हमारा पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने एसएलपी को स्वीकार कर लिया है.
आचार्य के अनुसार, दोषसिद्धि पर रोक केवल दुर्लभतम मामलों में ही होती है और विजिलेंस का बयान राजनीति से प्रेरित है। अपनी प्रतिक्रिया में मोहम्मद मोकिम ने कहा, मैं सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद देता हूं और हमें न्यायपालिका पर भरोसा था. अंतिम सुनवाई के बाद ही सच सामने आएगा. मोकिम के मुताबिक, चुनाव लड़ना कोई सवाल नहीं है क्योंकि बहुत सारे लोग समाज की सेवा करना चाहते हैं.
ORHDC मामला
एक विशेष सतर्कता अदालत ने सितंबर 2022 में बारबाटी-कटक विधायक मोहम्मद मोकिम को तीन साल की जेल की सजा सुनाई थी. मोकिम को जल्द ही दो जमानतदारों के साथ 1 लाख रुपए के जमानत बांड पर ओडिशा उच्च न्यायालय से अंतरिम जमानत मिल गई.
मेट्रो बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक मोकिम, पूर्व आईएएस अधिकारी विनोद कुमार और अन्य को पहले सतर्कता अदालत ने ओआरएचडीसी से ग्रामीण गरीबों के लिए ऋण के मामले में कांग्रेस नेता की कंपनी के पक्ष में आर्थिक लाभ प्राप्त करने के लिए दोषी ठहराया था.
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