चुनाव में मतदान के लिए इस्तेमाल होने वाली इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और वोटिंग की पुष्टि के लिए मिलने वाली VVPAT स्लिप को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट अहम फैसला सुना सकता है. आज अदालत ने दोपहर 2 बजे चुनाव आयोग एक वरिष्ठ अधिकारी को तलब किया है. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट की बेंच EVM और VVPAT से जुड़े कुछ सवाल पूछेगी. खासतौर पर EVM में लगने वाले माइक्रो कंट्रोलर के काम करने की प्रक्रिया के बारे में जज समझेंगे. इसके अलावा ईवीएम और वीवीपैट की सुरक्षा से जुड़े कुछ सवाल भी जज पूछ सकते हैं.
जज एक अहम सवाल यह भी पूछने वाले हैं कि आखिर EVM मशीनों को कितने समय तक रखा जा सकता है. बेंच में शामिल जस्टिस संजीव खन्ना ने सवाल पूछा है, ‘क्या माइक्रो कंट्रोलर को कंट्रोल यूनिट में इंस्टॉल किया गया है या फिर VVPAT में लगाया है. हमें यही मालूम है कि इसे कंट्रोल यूनिट में ही लगाया गया है, लेकिन चुनाव आयोग ने जो FAQs जारी किए हैं, उसने अनुसार इसे वीवीपैट में लगाया गया है.’ बेंच का इसके अलावा एक सवाल यह है कि क्या ये माइक्रो कंट्रोलर एक ही बार प्रोग्राम किए जाते हैं या फिर इनमें बदलाव भी किए जा सकते हैं.
बता दें कि EVM और VVPAT को लेकर दायर अर्जियों पर कई दिनों तक लंबी सुनवाई चली थी. बुधवार तक के लिए अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. सुनवाई के दौरान दिलचस्प बहस हुई थी, जिसमें वकील प्रशांत भूषण ने तो बैलेट पेपर से ही चुनाव कराने की मांग की थी. इस पर बेंच ने कहा था कि हमें बैलेट पेपर के बारे में भी मालूम है, जिस दौर में इसके माध्यम से चुनाव होता था, तब की स्थिति हमें पता है. बेेंच ने कहा था कि कम आबादी वाले देशों में ऐसा हो सकता है, लेकिन भारत जैसे देश में ऐसा संभव नहीं है.