यत्नेश सेन, देपालपुर। मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के पास स्थित देपालपुर के बनेडिया गांव में एशिया का सबसे बड़ा चावल की चुरी से मंडल विधान बनाया गया। जिसे देखने के लिए देश के कोने-कोने से दिगंबर जैन समाज के लोग पहुंचे। दिगम्बर जैन तीर्थ बनेडिया जी में आठ दिवसीय कार्यक्रम का आज समापन हुआ।

इंदौर शहर की देपालपुर तहसील के गांव में स्थित श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र बनेडिया जी, जैनियों के प्रमुख तीर्थस्थल में शामिल है। बताया जाता है कि ये जैन मंदिर प्राचीन समय में कई सालों पहले आसमान के रास्ते उड़ कर आया था। इस मंदिर की ना तो निव है और ना ही इसे बनाया गया है। आज मंदिर परिसर में नौ दीप कार्यक्रम संपन्न हुआ। इसमें एशिया का सबसे बड़ा चावल की चूरी से मंडल विधान बनाया गया। इस मंडल विधान को देखने के लिए क्षेत्र ही नहीं बल्कि देश के कोने-कोने से दिगम्बर जैन समाज के लोग पहुंचे और मंडल विधान के दर्शन किए।

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दिगम्बर जैन तीर्थ बनेडिया जी में आठ दिवसीय कार्यक्रम का आज समापन हुआ। जिसमें चावल की चुरी को अलग-अलग रंगों में मिलकर रंगोली की तरह यंत्र के रूप में जमीन पर मंडल विधान बनाया गया। जिसमें शुद्ध चावल की चूरी को अलग-अलग रंगों के माध्यम से मिलाया गया। जैन समाज के अनुयायियों की माने तो एशिया का सबसे बड़ा मंडल विधान बनेडिया जी के इस जैन तीर्थ में बनता है। जिसे देखने के लिए पूरे देश के जैन धर्म के श्रद्धालु पहुंचते हैं।

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दिल्ली से आई यात्री मंजू जैन व उनके परिवार ने बताया कि, एशिया का सबसे बड़ा मंगल होने के कारण यहां दूर-दूर से यात्री आते हैं। हम भी दिल्ली से यहां मध्य प्रदेश में इस मंडल विधान को देखने के लिए आए हैं। वहीं मंदिर आए यात्री सुशील मोदी जैन ने बताया कि, इस मंडल विधान को बनाने में कई दिन लगते हैं। जिसमें विशेष कारीगर और पुजारी शामिल होते, जो की शुद्ध चावल की चुरी से इस मंडल विधान का निर्माण करते हैं।

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