रायपुर। अकलतरा की क्षमा सिंह राजपूत एक आम लड़की की तरह हैं. 26 साल की इस लड़की को ज्यादा लोग जानते भी नहीं. लेकिन इस लड़की ने एक सपना देखा था भीड़ से कुछ अलग करने का सपना, वो चाहती थी कि लोग उसे देखें कि वो किस रास्ते पर चल रही है, क्योंकि सभी की तरह भेड़ चाल चलना उसे पसंद नहीं था. इसलिए क्षमा ने राजस्थान से क्लाइबिंग की ट्रेनिंग ली और निकल पड़ी पहाड़ों पर. घर वालों ने बहुत रोका बहुत समझाया की क्यों एेसे रास्ते पर चलना जहां जान का खतरा बना रहता है. उपर से लड़की हो, इतने लोगों के साथ पहाड़ पर अकेले जाना सुरक्षित नहीं. तमाम रूकावटों के बाद भी क्षमा आगे बढ़ती रही. कई बार आर्थिक परेशानी ने क्षमा का रास्ता रोका, तब क्षमा ने अपने सारे खर्च बंद कर एक-एक पैसे बचा कर अपने सपने को जिंदा रखा.
आप सोच रहे होंगे की हम क्षमा के बारे में आपको क्यों बता रहें हैं दरअसल क्षमा सिंह राजपूत एक क्लाइबिंग कोच है और छत्तीसगढ़ के पहले क्लाइबिंग क्लब माउंटेन मैन फाउंडेशन के प्रोजेक्ट छत्तीसगढ़ क्लाइबिंग के तहत बच्चों को ट्रेनिंग देकर नेशनल स्पोर्ट क्लाइंब कॉम्पिटीशन में लेकर गई. आपको जानकर हैरानी होगी कि इस खेल में छत्तीसगढ़ ने पहली बार कदम रखा है इससे पहले तक छत्तीसगढ़ के किसी भी प्रतिभागी ने इस कॉम्पिटीशन में हिस्सा नहीं लिया है.
इंदौर में आयोजित नेशनल स्पोर्ट क्लाइंब कॉम्पिटीशन में छत्तीसगढ़ से आठ बच्चों ने हिस्सा लिया. इस कॉम्पिटीशन में टीम ने कोई पदक तो हासिल नहीं किया लेकिन प्रतिभागियों के प्रदर्शन ने सबका दिल जीत लिया. इस कॉम्पिटीशन में रायगढ़ की अकांक्षा दास और मंजू बरिहा ने अपनी प्रतिभा से सबको अचंभित कर दिया. अकांक्षा और मंजू की उम्र महज 12 और 11 साल है. 6वीं और 5वीं में पढ़ने वाली इन बच्चियों ने अपने उम्दा प्रदर्शन से खूब तालियां बटोंरी. कुछ दिन पहले तक जिन बच्चियों को पता नहीं था कि क्लाइबिंग होती क्या है अब उसी खेल में वे अपना जौहर दिखा रहीं हैं. इन्हे ट्रेनिंग देने वाली कोच क्षमा ने बताया कि इस खेल में लड़कों के मुकाबले लड़कियों का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा है.
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ के युवाओं को इस दिशा में आगे बढ़ाने के लिए माउंटेन मैन फाउंडेशन की शुरूआत की गई है. यह छत्तीसगढ़ का पहला क्लब है जो युवाओं को क्लाबिंग की ट्रेनिंग दे रहा है. इसे शुरू किया है, एवरेस्ट फतह करने वाले पहले छत्तीसगढ़ी युवा राहुल गुप्ता ने. लल्लूराम डॉट कॉम की टीम से बातचीत में राहुल ने बताया कि इस क्षेत्र में कई संभावनाएं है. बस जरूरत है तो लोगों को जागरूक करने की. यहां के युवाओं में बहुत प्रतिभा है जब मैं एवरेस्ट फतह कर सकता हूं तो छत्तीसगढ़ का कोई भी युवा एवरेस्ट फतह कर सकता है. राहुल ने बताया कि अब बहुत सारे युवा इस क्षेत्र में अपना करियर बनाने आगे आ रहे हैं, चूंकि ये एक महंगी फील्ड है इसलिए कई प्रतिभाएं दबी रह जाती है लेकिन अगर सरकार इनका सहयोग करे तो राज्य के युवा देश के साथ-साथ विदेश में भी छत्तीसगढ़ का नाम रोशन कर सकते हैं.