रायपुर. राफेल मामले को लेकर लगातार सवाल उठा रहे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी के बाद अब सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अपनी बेबाक राय रखने वाले प्रशांत भूषण ने राफेल घोटाले को लेकर मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है. अपने छत्तीसगढ़ दौरे के दौरान राफेल सौदे को लेकर पत्रकारों से बात करते हुए प्रशांत भूषण ने कहा कि राफेल पर सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन लगाई गई है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और मैंने राफेल घोटाले को लेकर सीबीआई के डायरेक्टर रहे अालोक वर्मा से मुलाकात की थी. उसका नतीजा यह हुआ कि सीबीआई के डायरेक्टर आलोक वर्मा को हटा दिया गया और भ्रष्टचार से घिरे अधिकारी राकेश अस्थाना को प्रभार दे दिया गया. 2002 में रक्षा सौदे की प्रक्रिया निर्धारित की गई. जिसे डिफेंस प्रोक्योरमेंट प्रोसीजर नाम दिया गया.
उन्होंने कहा कि पूरी विपक्षी पार्टिया जब राफेल घोटाले को लेकर प्रधानमंत्री से सवाल पूछ रही है तो वो जवाब क्यों नहीं दे रहे है. प्रधानमंत्री ने आज तक इस मामले को लेकर एक शब्द तक नहीं बोला. यह पार्टी जिस ध्येय के साथ सरकार में आई, उसके अनुसार काम नहीं कर रही है. रक्षा मंत्री से भी जब सवाल पूछा जाता है तो वो भी जवाब नही देती. सरकार पर सौदे को लेकर सवाल उठता है तो कुछ मीडिया को उन लोग कागज पकड़ा देते है. जो उनके चहेते पत्रकार है.
प्रशांत भूषण ने सवाल उठाते हुए कहा कि मोदी ने ये खुद कैसे तय कर लिया. जबकि उनके पास कोई अथॉरिटी नही थी. लेकिन फिर भी उन्होंने कॉन्ट्रेक्ट कर लिया. पेरिस में मोदी के साथ अनिल अंबानी साथ में जाते है. घुस ले या घुस दे ये उतना ही संगीन अपराध है इससे 11 साल की जेल हो सकती है. उन्होंने आरोप लगाया कि अनिल अंबानी को कमीशन दिलवाया गया. जो कंपनी पहले इस तरह का काम नही करती और न आगे कर सकती है उसे कॉन्ट्रेक्ट दे दिया गया. बिचौलिया बनकर अनिल अंबानी को सौदा दिलवाया गया. इसे लेकर सीबीआई को शिकायत की. हमने पिटीशन भी लगाया है. घबराहट के चलते आलोक वर्मा को हटा दिया गया. मोदी जी को डर था कही आलोक वर्मा पोल न खोल दी. रात में 2 बजे पुलिस भेजकर सीबीआई के दफ्तर को कब्जा कर दिया गया. आलोक वर्मा को 2 बजे रात को हटा दिया गया. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है. अनिल अंबानी को कॉन्ट्रेक्ट किस आधार पर दिया गया इसका जवाब प्रधानमंत्री को देना ही होगा. इसका रेट दुगुना कैसे हुआ इसका भी जवाब देना होगा. लेकिन यह जवाब नहीं देना चाहते. इनके लोग अब मुद्दे से भटकाने के लिए राम मंदिर का का मुद्दा उठा रहे है.
घोटालेबाजो का साथ दे रही सरकार :-
प्रेसकांफ्रेंस करते हुए प्रशांत भूषण ने कहा है कि जब से यह सरकार सत्ता में आई है तब से घोटाले करने वाले लोगो का साथ दे रही है. उन्हें बचाने का काम कर रही है. इनके नाक के नीचे विजय माल्या बैंको चुना लगाकर भाग जाता है. आज तक विजय माल्या को सरकार वापस भारत नहीं ला पाई. इसके साथ ही मेहुल चौकसी पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. बल्कि इन सब मामलों का जाँच कर रही सारी एजेंसियों को सरकार ने खत्म कर दिया है. राकेश अस्थाना जो घोटाले से घिरा हुआ अधिकारी है उसे चार्ज दे दिया गया क्योंकि वह सरकार के चहेते है.
देश की सुरक्षा के साथ किया गया खिलवाड़ :-
प्रशांत भूषण ने आगे कहा कि राफेल घोटाला करके देश की सुरक्षा से खिलवाड़ किया गया. उपक्रम हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड से 30,000 करोड़ का ऑफसेट करार चीन कर अनिल अंबानी को दे दिया गया. जिस कंपनी के पास हवाई जहाज बनाने का कोई अनुभव नही उसे युद्धक विमान का काम दिया गया. सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले की गई सुनवाई और दिए गए अंतरिम आदेश यह साबित करते है कि कही न कही इस सौदे में भारी गड़बड़ी है. 26 युद्धक विमान का सौदा प्रति विमान 686 करोड़ की दर से 2014 से मोदी सरकार आने के पहले से ही अंतिम रूप ले चुका था. 2014 के प्रधानमंत्री बनने के बाद इस सौदे में कई बदलाव कराए जो न केवल भ्रष्टचार है वही यह देश की सुरक्षा से खिलवाड़ भी है.